Featured

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : आठवीं क़िस्त

असंख्य पाठ्यपुस्तकों के बीच अदृश्य हिंदी पाठक अगर आप देश-विदेशों में हिंदी पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या पर जायेंगे तो…

6 years ago

आसमानी बिजली और तूफ़ान की कहानी

अफ्रीकी लोक कथाएँ – 7 बहुत पहले आसमानी बिजली और तूफ़ान बाकी सारे लोगों के साथ यहीं धरती पर रहा…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 7

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago

कोई कह सकेगा उसे कि मुझे एक ऐसा क़लम लाकर दे दे

मुझे विश्‍वास होता जा रहा है कि इस श्राप का तोड़ जालंधर वाले बूढ़े के पास ही है ... .शाम…

6 years ago

आज है आंचलिक त्यौहार वट सावित्री

वैश्वीकरण और बाजारीकरण की आंधी में लोकोत्सवों, स्थानीय त्यौहारों का वजूद ख़त्म होता जा रहा है, या फिर उनका मूल…

6 years ago

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 4

गुडी गुडी डेज़ अमित श्रीवास्तव सासति करि पुनि करहि पसाउ | नाथ प्रभुन्ह कर सहज सुभाउ || सबकुछ अचानक हुआ…

6 years ago

ऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिए

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago

करवा चौथ पर श्री टेलीविजन को पत्र

श्री टेलीविजन जी, आज करवा चौथ है. सो कल भीषण शापिंग के चलते मेरे शहर की सड़कें जाम थीं. बिल्कुल…

6 years ago

जागर-गाथा और पाँडवों का जन्म

मानव में बुद्धि के उत्पन्न होने के साथ ही उसने किसी परालौकिक शक्ति की कल्पना कर ली होगी जिसने कालान्तर…

6 years ago

लाल मकान वाली हेमा

“उत्तरायण” कार्यक्रम में एक–दो बार उन्हें देखा होगा जब कभी वे लोक वार्ता बांचने आतीं लेकिन ठीक से मुलाकात की…

6 years ago