Featured

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 117

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

सदियों से कुछ कहना चाहती है लछिमा – बटरोही की कहानी

वो शिखर पर जो गाँव है, वही काफलीधार है. किसने रखा होगा यह नाम? सोचती है लछिमा - कैसा है…

6 years ago

शेक्सपियर के नाटक ‘द कॉमेडी ऑफ एरर्स’ पर आधारित फिल्म : अंगूर

अंगूर, बांग्ला फिल्म भ्रांतिविलास की रीमेक थी, जो ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नाटक पर आधारित थी. यह नाटक विलियम शेक्सपियर…

6 years ago

नंदा देवी राज जात के अनूठे फोटो

उत्तराखंड में प्रत्येक बारह वर्ष में होने वाली ऐतिहासिक नंदा देवी राज जात भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी…

6 years ago

जीवनानन्द दास की बनलता सेन

अनेक आलोचकों का ठोस यकीन है कि जीवनानन्द दास (Jibanananda Das) बांग्ला कविता के शीर्षस्थ कवि हैं - किसी भी…

6 years ago

धतिया नगाड़ा: आपदा की सूचना के लिए धाद लगाने का वाद्य

कुमाऊँ के मध्यकालीन शासकों द्वारा एक विशेष नगाड़े का निर्माण करवाया जाता था. इस नगाड़े का इस्तेमाल ख़ास मौकों पर…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 116

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

सुमित्रानंदन पन्त की भारत माता

20 मई 1900 को उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक स्थान में जन्मे सुमित्रानंदन पन्त (Sumitra Nandan Pant) हिन्दी…

6 years ago

ज्यादा फर्क नहीं है वरिष्ठ और गरिष्ठ अधिकारी मे

वरिष्ठ अधिकारी अंतर देस इ (... शेष कुशल है!) वरिष्ठ और गरिष्ठ मे ज्यादा फर्क नहीं है... खासकर जब वो…

6 years ago

आख़िर किस मिट्टी के बने होते हैं कमान्डो

2008 के मुम्बई हमले के बाद हमारे साथी और वरिष्ठ पत्रकार-सम्पादक सुंदर चंद ठाकुर ने अपने एक कमांडो मित्र पर…

6 years ago