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कामनापूर्ति मैया कोटगाड़ी भगवती का मंदिर

डीडीहाट और बेरीनाग की वयः संधि पर पूर्वी रामगंगा के तट पर स्थित है थल. थल से एक रास्ता मुवानी…

5 years ago

चम्फाखाव की वह होली और रेबू जिठबाज्यू की जलेबियां

उस बार कोसी नदी की घाटी में जब सरसों की पीली फसल को लहलहाते तथा दूर जंगलों में खिलते बुरांश…

5 years ago

कभी किलों-दुर्गों की बहुतायत थी उत्तराखण्ड में

उत्तराखण्ड में कई जगहों के नामों की शुरुआत में गड़, गढ़ी या गढ़ का इस्तेमाल दिखाई देता है. इस शब्द…

5 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 121

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago

रुपहले पर्दे पर परिवार रचने वाले राजकुमार बड़जात्या का निधन

'मैने प्यार किया' के प्रोड्यूसर बड़जात्या को कौन भूल सकता है. वे निर्देशक सूरज बड़जात्या के पिता थे. बड़जात्या की…

5 years ago

ठैरा और बल से आगे भी बहुत कुछ है कुमाऊनी में

आज अन्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है. कुमाउंनी में मातृभाषा के लिये अगर सबसे उपयुक्त शब्द नज़र में आता है वह है…

5 years ago

नामवर सिंह: साहित्यिक-वाचिक परंपरा के प्रतिमान

'तुम बहुत बड़े नामवर हो गए हो क्या.' नामवर का नाम एक दौर में असहमति जताने का एक तरीका बनकर…

5 years ago

खाने की तासीर बदल देती है उत्तराखंड के मसालों की छौंक

किसी भी खाने को स्वादिष्ट बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका छौंके या तड़के की होती है. छौंक पड़ने से खाने…

5 years ago

पहाड़ी क्षेत्र में सिमटती सामाजिक सोच और पर्वतीय कृषि

पर्वतीय कृषि के विकास की बाधायें, पर्वतीय कृषि का भावी परिदृश्य एवं समस्याओं के समाधान हेतु कुछ सुझाव पंकज सिंह…

5 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 120

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

5 years ago