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दारमा घाटी में दुग्तालों का गांव दुग्तू

दुग्तू पिथौरागढ़ जिले की दारमा घाटी का एक छोटा सा गांव है. पंचाचूली की गोद में बसा इस बेहद खूबसूरत…

5 years ago

ओ ईजा! ओ मां! – पहाड़ की एक भीगी याद

बचपन से आज तक ईजा (मां) को कभी नहीं भूला. वह 1956 में विदा हो गई थी, जब मैं छठी…

5 years ago

धराली से सातताल का एक आसान और सुरम्य हिमालयी ट्रैक

उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर गंगोत्री से 21 किमी पहले एक छोटा सा पहाड़ी गाँव है धराली. धराली उत्तरकाशी-गंगोत्री हाइवे के…

5 years ago

मेरि ड्यूटि बौडरा, घर में छू मेरि ईजा भौतै बिमारा – उदित नारायण का गाया पहाड़ी गीत

पहाड़ और फ़ौज का सम्बन्ध बहुत पुराना और अन्तरंग रहा है. पहले विश्वयुद्ध के समय से ही कुमाऊँ-गढ़वाल के वीरों…

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ब्रिटिश एयरफोर्स से जंगलात की नौकरी तक का सफ़र : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का तीसरा हिस्सा

(पिछली कड़ी: बाबू का घर छोड़ना और अकेले बालक का संघर्ष - त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का दूसरा हिस्सा)…

5 years ago

‘न्यौली’ के बिना अधूरा है उत्तराखंड का लोकगीत

उत्तराखंड में जब भी लोकगीतों की बात होती है तो न्यौली अपना एक विशेष महत्व रखती है. न्यौली को न्योली…

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वर्ल्ड योगा डे स्पेशल : गट्टू भाई की विपश्यना

एक दिन घटिया चरस के सेवन ने गट्टू भाई की ऐसी गत बनाई कि वो लगातार अठत्तर घंटे सोते रहे.…

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वर्ल्ड योगा डे स्पेशल : हर तोंद के लिए योगा ज़रूरी है

नई आर्थिक नीतियाँ आईं तो तोंदों की संख्या ख़ूब बढ़ गई. इतनी बढ़ी कि तोंदरोधी विशेषज्ञ पैदा हो गए. नया…

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गीत आपने सुना होगा आज जानिये कहाँ है घाम वाला असल छाना बिलौरी

झन दीया बोज्यू छाना बिलौरी लागला बिलौरी का घामा हाथे कि कुटली हाथे में रौली नाके की नथुली नाके में…

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बाबू का घर छोड़ना और अकेले बालक का संघर्ष – त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का दूसरा हिस्सा

(पिछली कड़ी - पिछली सदी के पहाड़ का दर्द जी उठता है त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा में) जब मैं…

5 years ago