यदि हिंदी सिनेमा में अभिनय की विभिन्न पाठशालाओं पर एक मोटी-मोटी नजर दौड़ाई जाये तो दो स्कूल सबसे पहले दिखलाई…
‘कागज के फूल’ के न चलने की वजह से गुरुदत्त को न केवल आर्थिक रूप से बल्कि आत्मिक रूप से…
अँधेरे में बैठकर एक जगमगाते स्क्रीन को देखना एक तरह का त्राटक ही है. आप आसपास की सारी दुनिया भूल…
आखिरकार 1895 में पेरिस के लुमिये भाइयों द्वारा आविष्कृत सिनेमा का माध्यम मूलत दृश्यों और ध्वनियों के मेल का ऐसा…
होली, पागल और पूजा तीनों 1940 में अब्दुल रशीद कारदार की बनाई तीन फ़िल्में हैं. अब्दुल रशीद कारदार की सिनेमाई…
बॉलीवुड के रुपहले परदे पर उत्तराखण्ड के कई कलाकारों ने खुद को साबित कर अच्छा नाम कमाया है. सामान्य दर्शक…
मदान थियेटर और इम्पीरियल भारत में पहली बोलती फिल्म से पहले फिल्म निर्माण की सनसे बड़ी दो कम्पनियां थी. बोलती…
एक लेखक के बतौर मंटो की कहानियों को अपने नैरेटिव का हिस्सा बनाती इस फ़िल्म का क्राफ्ट इसकी सबसे बड़ी…
भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा, जिसके निर्माता इंपीरियल मूवी टोन के आर्देशिर ईरानी थे, मुंबई के मैजेस्टिक थिएटर…
2007 में इजरायल, अमरीका और फ्रांस के सहयोग से बनी कथा फ़िल्म बैन्ड्स विज़िट संगीत से उपजे प्रेम की एक…