परम्परा

विश्व में सबसे ऊंचा शिव मंदिर है तुंगनाथ

समुद्र की सतह से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ (Tungnath) मंदिर की गिनती पञ्चकेदार में होती है. उत्तराखंड…

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जिनके पिया परदेस बसत हैं : लखनऊ में कुमाऊनी होली की परम्परा

'उत्तराखण्ड होली के लोक रंग' शेखर तिवारी द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है. चंद्रशेखर तिवारी काफल ट्री के नियमित सहयोगकर्ता…

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फिरंगी जुल्म सहने की प्रैक्टिस के लिए जब अल्मोड़े के युवक अपने घावों में नमक भरवाते थे

अल्मोड़े में कांग्रेस का जन्म 1921 में हुआ. इससे पहले जब 1905 में बंग भंग आन्दोलन का प्रारम्भ हुआ, उससे…

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रंग डारि दियौ हो अलबेलिन में – पहाड़ी होली पर गिर्दा का आलेख

काफल ट्री के नियमित सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी ने 'उत्तराखण्ड होली के लोक रंग' नाम से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का सम्पादन…

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छछिया या छ्छेड़ो उर्फ़ छसिया: उत्तराखण्ड का पारंपरिक व्यंजन

छछिया का हिंदी अर्थ होता है एक बर्तन जिसमें मट्ठा रखा जाता है. लेकिन उत्तराखण्ड में यह एक अर्धतरल व्यंजन…

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उत्तराखण्ड में स्थित भगवान शिव के पंच केदार

उत्तराखण्ड को देवभूमि भी कहा जाता है. यहाँ के उच्च हिमालयी क्षेत्र देश-विदेश में मशहूर मंदिरों से पटे हुए हैं.…

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विष्णु द्वारा स्थापित बारह ज्योतिर्लिगों में से एक है जागेश्वर

उत्तराखंड के अल्मोड़ा से 35 किलोमीटर दूर स्थित जागेश्वर धाम कुमाऊँ के प्राचीन मंदिरों में से है. जागेश्वर मंदिरों का…

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कामनापूर्ति मैया कोटगाड़ी भगवती का मंदिर

डीडीहाट और बेरीनाग की वयः संधि पर पूर्वी रामगंगा के तट पर स्थित है थल. थल से एक रास्ता मुवानी…

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धतिया नगाड़ा: आपदा की सूचना के लिए धाद लगाने का वाद्य

कुमाऊँ के मध्यकालीन शासकों द्वारा एक विशेष नगाड़े का निर्माण करवाया जाता था. इस नगाड़े का इस्तेमाल ख़ास मौकों पर…

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आख़िरी साँसें गिन रहा है पहाड़ का काष्ठशिल्प

बढ़ती आधुनिकता के साथ लकड़ी से बने परम्परागत उत्पाद हमारे जीवन से दूर होते-होते अब लगभग लगभग समाप्त हो चुके…

6 years ago