इतिहास

उत्तराखंड के इतिहास में 6 सितम्बर का महत्व

गो-बेक मेलकम हैली, भारत माता की जयहाथ में तिरंगा उठा, नारे भी गूंज उठे,भाग चला, लाट निज साथियों की रेल…

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डोला पालकी आंदोलन

 उत्तराखण्ड का डोला पालकी आंदोलन आधुनिक भारतीय इतिहास में निम्न जाति उत्थान आंदोलनों का ही एक रूप रहा. भारतीय समाज…

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उत्तराखंड के इतिहास में काला दिन है 1 सितम्बर

1 सितम्बर, 1994 की सुबह खटीमा में हमेशा की तरह एक सामान्य सुबह की तरह शुरू हुई. लोगों ने अपनी…

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अफ़गान बादशाह जो देहरादून में ‘बासमती चावल’ लाया

‘देहरादून की बासमती’ सुनते ही मुंह में खुशबू, मिठास और कोमल चावल के दानों के स्वाद से भर जाता है…

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सालम के वीरों ने अपने हौसले और खून से लिखी क्रांति की भूमिका

1942 का साल था महिना अगस्त का. अंग्रेजों के खिलाफ़ विरोध की चिंगारियां अब गाँवों में विरोध की लपटों के…

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आखिर क्यों भूल गये हम ‘कालू महर’ को

भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में उत्तराखण्ड के काली कुमाऊं यानि वर्तमान चम्पावत जनपद का अप्रतिम योगदान रहा है. स्थानीय जन इतिहास…

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देघाट की फ़िज़ा में आज बारूद की ‘बू’ थी

1942 का साल था और तारीख आज की थी. चौकोट की तीनों पट्टियों की एक सभा देघाट में होनी थी.…

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कुमाऊं का स्वतंत्रता संग्राम

उत्तराखंड में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की प्रारंभिक शुरुआत 1857 के दौर में एक तरह से काली कुमाऊं (वर्तमान चम्पावत जनपद…

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नैनीताल में 1880 का भू-स्खलन

वृहस्पतिवार 16 सितम्बर 1880 ई. को जोर की वर्षा शुरू हुई और वह रविवार को 19 तारीख की शाम तक…

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79 साल पहले आज ही के दिन पहाड़ों में ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ का बिगुल बजा

9 अगस्त कीई सुबह का सूरज निकलता उससे पहले अंग्रेजों ने ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ के तहत कांग्रेस के सभी बड़े…

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