इतिहास

आज़ादी के बाद भवाली के इतिहास के पन्ने और मां काली के उपासक श्यामा बाबा

साल 1964 का जुलाई का महीना रहा होगा, जब भवाली के गोबिन्द बल्लभ पन्त हायर सेकेन्डरी स्कूल में दर्जा 6…

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सरकारें रानी कर्णावती के महल को बचाने में नाकाम रही हैं

गढ़वाल की राजधानी देवलगढ़ से श्रीनगर स्थानान्तरित हो चुकी थी. राजा महिपति शाह की मृत्यु के बाद उनके पु़त्र पृथ्वीपति…

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रामगंगा किनारे हुक्का पीते पहाड़ी की 128 साल पुरानी तस्वीर

यह तस्वीर रामगंगा की है. तस्वीर 1892 में अपनी भारत यात्रा के दौरान जर्मन फोटोग्राफर कर्ट बोएक ने ली है.…

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कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में मुहर्रम जुलूस निकालने की प्राचीन परम्परा

ऐतिहासिक संदर्भ कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में  मुख्य रूप से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रानीखेत और नैनीताल में ताज़िया बनाने की बहुत…

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अल्मोड़े के नंदादेवी मेले का इतिहास

प्रतिवर्ष अल्मोड़ा जनपद के मुख्यालय तथा गरूड़ (बैजनाथ) में स्थित कोट नामक स्थान में भाद्र शुक्ल पक्ष अष्टमी को मनाये…

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अंग्रेजों के ज़माने में पटवारी अपनी पट्टी का राजा होता था

पहाड़ में अब भी बड़े बुजुर्ग कहते हैं सबका बैर झेला जा सकता है पटवारी का बैर नहीं. अब भले…

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देहरादून की पलटन बाज़ार का इतिहास

1803 ईसवी के अक्टूबर महिने में गोरखाओं ने देहरादून को अपने कब्जे में ले लिया था. राजा प्रद्युमन शाह ने…

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सुल्ताना डाकू का किला और खूनीबड़ गाँव की कहानी

बीसवीं सदी के पूर्वाद्ध में नजीबाबाद-कोटद्वार क्षेत्र में सुल्ताना डाकू का खौफ था. कोटद्वार से लेकर बिजनौर यूपी और कुमाऊं…

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पीटर बैरन ने 12 दिसम्बर 1842 को प्रथम बार किया नैनीताल में नौकायन

यूं तो कुमाऊँ में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश 8 मई 1815 को कुमाऊँ के कमिश्नर आफ रेवन्यू के रूप…

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बागेश्वर के बागनाथ मंदिर पर एक महत्वपूर्ण लेख

उत्तराखण्ड के प्रयाग तथा काशी के नाम से विख्यात सरयू नदी के संगम पर अवस्थित बाघनाथ मन्दिर पुरातात्विक दृष्टि से…

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