पर्यावरण

हिमालय की सुन्दरतम चिड़ियों में एक है सेटर ट्रेगोपन : सुरेन्द्र पवार का फोटो निबंध

कुमाऊँ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों के आसपास के जंगलों में देर शाम और सुबह एक बच्चे के रोने की आवाज…

5 years ago

अपने नौलों को दैवीय भाव से पूजते हैं उत्तराखण्ड के लोग

उत्तराखंड की सभ्यता के विकास को नौलों से काट कर नहीं देखा जा सकता है. वैसे भी हम जब इतिहास…

5 years ago

पहाड़ के जंगलों से आग के निशान नहीं मिटा सकेगी बारिश

शरद में पीले पड़े पत्तों वाला खूबसूरत लैंडस्केप नहीं यह भरपूर बरसातों वाली जुलाई में बिनसर के जंगल की कल…

5 years ago

भीषण जल संकट से निपटने के उपाय जरूरी हैं

सतत तरीके अपनाएं, देश को जल संकट से बचाएं -याशी गुप्ता एक ओर जहाँ ये देश तरक्की कर रहा है,…

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कल बोया जायेगा हरेला

हरेला उत्तराखंड का एक लोकप्रिय त्यौहार है. हरेला एक वर्ष में तीन बार मनाया जाने वाला प्रकृति से जुड़ा एक…

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आठ करोड़ पौधे लगाने वाले पिथौरागढ़ के पर्यावरणविद कुंवर दामोदर सिंह राठौर

2016 में मई महीने में डीडीहाट के आस-पास के जंगलों में आग लगती है. भनौरा गांव में रहने वाला 91…

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तिमला: स्वाद ही नहीं सेहत का खजाना भी है

वैसे तो उत्तराखण्ड में बहुमूल्य जंगली फल बहुतायत मात्रा में पाये जाते हैं जिनको स्थानीय लोग, चरवाहे और पर्यटक बड़े…

5 years ago

फायदेमंद है जोंक से अपना खून चुसवाना

बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों में जोंकें देखी जाती हैं. स्थानीय लोग तो इसके अभ्यस्त हो जाते हैं लेकिन…

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फ्रेंड ऑफ विंटर कहा जाने वाला चीड़ जंगलों का दुश्मन कैसे बना

उत्तराखण्ड देवभूमि में लगभग 2000 मीटर तक की ऊंचाई तक चिर पाइन यानी भारतीय चीड़ के जंगल मिल जाएंगे, ऊंचे-ऊंचे…

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पर्वतारोहियों की मृत्यु की सूचना सम्मानपूर्वक दे सकने तक का समय नहीं है पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के पास

District Administration Pithoragarh फेसबुक पेज का स्क्रीन शॉट 28 जून के दिन का यह पोस्ट पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के फेसबुक…

5 years ago