विनोद कापड़ी

अल्मोड़ा की आत्मा आज भी प्रकाशमान है – पत्रकार दीप जोशी को श्रद्धांजलि

बीती रात दीप जोशी नहीं रहे. अल्मोड़ा नगर की पत्रकारिता के पर्याय माने जाने वाले दीप लम्बे समय से 'अमर…

3 years ago

इंसानी चेहरा नहीं आपकी सरकारों के पास – हुक्मरानों के नाम विनोद कापड़ी का खुला ख़त

पिछले महीने की 12 तारीख को राजस्थान के नागौर ज़िले में कूड़े के ढेर में एक नवजात बच्ची के मिलने…

5 years ago

पीहू की कहानियाँ – 5

मैडम अभी सो रही हैं मैडम को पॉटी आ गई है मैडम सुसु करने गई है मैडम का अभी मूड…

5 years ago

पीहू की कहानियाँ – 4

ऐसा भी लगा था कि ये फ़िल्म शायद शूट नहीं कर पाएँगे पीहू की शूटिंग के लिए हमें बहुत कुछ…

6 years ago

पीहू की कहानियाँ – 3

जब पीहू ने मेरी ग़लती को ठीक किया पीहू के माता पिता रोहित विश्वकर्मा और प्रेरणा शर्मा की सहमति मिलने…

6 years ago

पीहू की कहानियाँ – 2

जब लगा कि अब पीहू नहीं बन सकती ... कहानी और पीहू दोनों मिल चुकी थी. प्रोड्यूसर मिलना बाक़ी था.…

6 years ago

पीहू की कहानियाँ – 1

काफल ट्री पर आप पिछले कई दिनों से विनोद कापड़ी की आत्मकथा बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली पढ़ रहे हैं.…

6 years ago

बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 3

पिछली कड़ी से आगे… हैवलोक लाइन्स , मिलेट्री अस्पताल और सिकंदराबाद... कभी सोचिए, जो ज़िंदगी आपने जी तो हो और आपको…

6 years ago

बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 2

पिछली कड़ी से आगे... अमिताभ बच्चन या विनोद खन्ना ? 15 अगस्त 1971 को मेरी माँ के मन में ये…

6 years ago

बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 1

[विनोद कापड़ी ने बहुत छोटी जगहों से जीवन की शुरुआत कर संसार में अपने लिए एक बड़ी जगह तैयार की…

6 years ago