काली कुमाऊँ योद्धाओं का क्षेत्र है, अतः यहाँ की सभी परंपराएँ शक्ति (ताकत) से जुड़ी हुई हैं. दानवों की भूमि…
जब मैं पहली बार शहर के स्कूल पहुँचा सन 1955 तक मैंने गाँव के स्कूल में पढ़ा जो चारों ओर…
मेरे पास अनेक संदेश आ रहे हैं कि क्या महादेवी वर्मा सृजन पीठ बंद हो गयी है? उसे किसने बंद…
फ्रैंकफर्ट में जहाज बदला और हंगरी के स्थानीय समय के अनुसार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे, जिस वक़्त भारत में दोपहर…
अपने बचपन के गाँव को ठीक-ठीक आज न स्मरण कर पाने का एक बड़ा कारण शहर आने के बाद उत्तराखंड…
खड़कुवा और मेरी मांओं ने हमें ऐसे ही मिट्टी लिपे फर्शों पर जन्म दिया था और हमें गाँव किनारे के…
‘हमारा जैसा बोलेंगा तो हिंदी कैसे बनेगा राष्ट्रभाषा, बोलो?’ ठीक तारीख याद नहीं है, 1978-79 के किसी महीने में एक…
1841 में पीटर बैरन द्वारा बसाये गए इस नैनीताल शहर (history of Nainital) में ठीक 146 साल और अपने स्कूल…
बुआजी के एक विधुर जेठ थे, जिन्हें घर के सब लोग ‘बड़े बाबजी’ पुकारते थे. मझोले कद के बड़े बाबजी…
काफल ट्री में नियमित कॉलम लिखने वाले लक्ष्मण सिंह बिष्ट 'बटरोही' का जन्म 25 अप्रैल 1946 को अल्मोड़ा के छानागाँव…