अमित श्रीवास्तव

‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा

हमारी दुनिया एक फ़ैसला-कुन तरीके से उलट रही थी जब ये जुमला बहुत आहिस्ता से फूंका गया था हमारे कानों…

4 months ago

सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर! नाम बड़ा नाज़ुक है. बहुत…

1 year ago

एआई को चौथी औद्योगिक क्रान्ति कहा जाना

‘बेथ शैलोम’ संस्था की संस्थापक मरीना स्मिथ की पिछले बरस यानी दो हज़ार बाईस के जून महीने में मृत्यु हो…

1 year ago

अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल

हमारे समय के सबसे महत्वपूर्ण किन्तु सबसे शांत कवियों में से एक विनोद कुमार शुक्ल की कविता `मुझे बिहारियों से…

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बावड़ी नौला वाव अल्मोड़ा

–रानी की वाव!–व्हाट? वाव? मैं भाषा में भटकता हूं... संस्कृत में एक शब्द है वापी. वापी यानी जलाशय या कुआं.…

2 years ago

अगर पहाड़ हैं जिन्नत तो रास्ता है यही

सुना करते थे वह बाग़ पुरफ़िज़ा है यहीअगर पहाड़ हैं जिन्नत तो रास्ता है यही हम वक्त के उस दौर…

2 years ago

हैं बिखरे रंग माज़ी के

उस तरफ विपुल की आवाज़ थी. इस तरफ फोन के जाने कौन था. तब तक, जब तक मैं नहीं था!…

3 years ago

लपूझन्ना जादू है!

किताब उठाते ही लगता है किसी जादूगर ने काले लंबे हैट में हाथ डालकर एक कबूतर निकाल दिया हो. किताब…

3 years ago

हलाल और झटका का झगड़ा इस तरह निपटाया नेताजी ने आज़ाद हिंद फ़ौज के सैनिकों के बीच

उनकी उम्र के बारे में ठीक-ठीक कुछ कहना मुश्किल है. गाँव के खांटी किसान. कद-काठी-काया ऐसी कि इस तरफ से…

3 years ago

मुझे पतंग उड़ाना सीख लेना चाहिए था

बहुत दूर तक नहीं जाती थी पतंग मेरीपश्चिम को बहती हवा अगरदो कलाइयां मारकर गिर जातीशिशू के आंगन, अनाथालय की…

3 years ago