कला साहित्य

एक थे गुलशन नंदा

एक थे गुलशन नंदा. हिन्दी में पल्प फिक्शन उर्फ लुगदी साहित्य के सबसे ज़्यादा बिकने वाले लेखक. अपने दौर, 60…

6 years ago

इस शहर के लोग उनको रोज़ जूतों से कुचल कर चले जाते है

शिखर गोयल की कविताएं शिखर गोयल का जन्म 1993 में दिल्ली में हुआ. इनकी नज्में कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं…

6 years ago

जन्माष्टमी पर विशेष: नज़ीर अकबराबादी की नज़्म “यारो सुनो ये ब्रज के लुटैया का बालपन”

आज से कोई तीन सौ बरस पहले आगरे में एक बड़े शायर हुए नज़ीर अकबराबादी. नज़ीर अकबराबादी साहब (१७४०-१८३०) उर्दू…

6 years ago

भूख सोचता रहा, भूख खाता रहा, दिल्ली आके रुका

पड़ताल - इब्बार रब्बी सर्वहारा को ढूँढ़ने गया मैं लक्ष्मीनगर और शकरपुर नहीं मिला तो भीलों को ढूँढ़ा किया कोटड़ा…

6 years ago

ये एक बहुत-बहुत स्‍याह और एक बहुत-बहुत उजली कहानी है

[आज माइकेल जैक्सन का जन्मदिन है. दुनिया में उनके चाहनेवालों की संख्या करोड़ों में है. उन्हीं को याद करते हुए…

6 years ago

जोगी और गौरा की कथा

दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में…

6 years ago

‘अश्लील’ अफ़साने लिखने वाली अम्मा की सालगिरह है आज

पिछले बरस आज के दिन गूगल पर सफ़ेद साड़ी में लिपटी एक महिला का डूडल लगाया गया था.  गूगल पिछले…

6 years ago

मुझको पहाड़ ही प्यारे हैं – जयन्ती पर चंद्रकुंवर बर्त्वाल की स्मृति

आज चंद्रकुंवर बर्त्वाल का जन्मदिन है. कुल 28 साल की आयु में क्षयरोग से दिवंगत हो गए चंद्रकुंवर अपने समय…

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सरकार का काम लघुशंका गृह बनवाना नहीं, लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना है

लघुशंका गृह और क्रान्ति - हरिशंकर परसाई मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘यह छात्रों की अनुशासनहीनता है.…

6 years ago

अच्छे लेखक को कुछ भी बरबाद नहीं कर सकता है

विलियम फॉक्नर का साक्षात्कार (अनुवाद : शिवप्रसाद जोशी) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी उपन्यासकार विलियम फॉक्नर (1897-1962) के एक प्रसिद्ध…

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