मैं क्यों लिखता हूँ -सआदत हसन मंटो मैं क्यों लिखता हूँ? यह एक ऐसा सवाल है कि मैं क्यों खाता हूँ...…
(विष्णु खरे - 1940 से 2018) दिल्ली में अपना फ़्लैट बनवा लेने के बाद एक आदमी सोचता है (कविता सुनें)…
विष्णु खरे समकालीन सृजन परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण नाम रहे. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 9 फरवरी 1940 को जन्मे विष्णु…
अल्मोड़ा से बम्बई चले डेढ़ यार – तीसरी क़िस्त कठोपनिषद की तीसरी वल्ली (अध्याय) का पहला मंत्र है: ऊर्ध्व्मूलोSवक्शाख एशोSश्वत्थः…
रमाशंकर यादव 'विद्रोही' (3 दिसम्बर 1957 - 8 दिसंबर 2015) हिंदी के लोकप्रिय जनकवि हैं. वे स्नातकोत्तर छात्र के रूप…
आज से करीब सोलह साल पहले अंग्रेज़ी अख़बार 'द गार्जियन' ने शनिवार 8 जून 2002 को नोबेल विजेता गाब्रिएल गार्सीया…
झरिया में है नोकिया का टावर -शेफाली फ्रॉस्ट तुम आयी हो लपटती ज़मीन की गुफाओं से निकल, तुम आयी हो…
अदूनिस - विडंबनाओं और पराकाष्ठाओं के कवि सीरिया में १९३० में जन्मे सीरियाई – लेबनानी मूल के कवि, साहित्यालोचक, अनुवादक,…
पिछली सदी के महानतम कवियों में शुमार महमूद दरवेश ने, अपनी मृत्यु से एक साल पहले दिये गए एक साक्षात्कार…
विष्णु जी नहीं रहे. हिंदी साहित्य संसार ने एक ऐसा बौद्धिक खो दिया, जिसने ‘बिगाड़ के डर से ईमान’ की बात…