कला साहित्य

शराब माफिया द्वारा मार डाले गए हिम्मती पत्रकार उमेश डोभाल की कविताएं

17 फरवरी 1952 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जन्मे उमेश डोभाल को एक निर्भीक पत्रकार के रूप में याद…

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बाकी बच गया अण्डा

बाकी बच गया अण्डा - नागार्जुन पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूँखार गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह…

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हल्द्वानी के कर्नल ठुस्सू और उनकी दी हुई सीख

कर्नल ठुस्सू कर्नल ठुस्सू - इनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता. सिवाय इनके हास्यास्पद नाम, पदनाम, पैनी नज़र और…

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फादर्स डे स्पेशल : वीरेन डंगवाल की कविता

रूग्‍ण पिताजी रात नहीं कटती ? लम्‍बी यह बेहद लम्‍बी लगती है ? इसी रात में दस-दस बारी मरना है…

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फादर्स डे स्पेशल: मंगलेश डबराल की कविता

पिता की तस्वीर मंगलेश डबराल पिता की छोटी छोटी बहुत सी तस्वीरें पूरे घर में बिखरी हैं उनकी आँखों में…

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फादर्स डे स्पेशल: चंद्रकांत देवताले की कविता

दो लड़कियों का पिता होने से -चंद्रकांत देवताले पपीते के पेड़ की तरह मेरी पत्नी मैं पिता हूँ दो चिड़ियाओं…

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महादेवी वर्मा और कुमाऊँ के रामगढ़ में उनकी मीरा कुटीर

महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण छायावादी आन्दोलन के चार बड़े नामों में से एक थीं. इस समूह में उनके…

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जिसके हम मामा हैं – शरद जोशी के बहाने

"बाढ़ और अकाल से मुर्गा बच जाए मगर वह हमसे सुरक्षित नहीं रह सकता" कमिश्नर ने कहा और इस मजा…

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कौसानी के कवि सुमित्रानंदन पंत -जन्मदिन पर विशेष

20 मई 1900 को जन्मे इस सुकुमार कवि के बचपन का नाम गुसांई दत्त था. स्लेटी छतों वाले पहाड़ी घर,…

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पहाड़ मेरे लिए माँ की गोद जैसा है

मसूरी और देहरादून के नामों के साथ रस्किन बांड (Ruskin Bond Writer Birthday ) का नाम लम्बे समय से जुड़ा…

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