कला साहित्य

फादर्स डे स्पेशल : वीरेन डंगवाल की कविता

रूग्‍ण पिताजी रात नहीं कटती ? लम्‍बी यह बेहद लम्‍बी लगती है ? इसी रात में दस-दस बारी मरना है…

5 years ago

फादर्स डे स्पेशल: मंगलेश डबराल की कविता

पिता की तस्वीर मंगलेश डबराल पिता की छोटी छोटी बहुत सी तस्वीरें पूरे घर में बिखरी हैं उनकी आँखों में…

5 years ago

फादर्स डे स्पेशल: चंद्रकांत देवताले की कविता

दो लड़कियों का पिता होने से -चंद्रकांत देवताले पपीते के पेड़ की तरह मेरी पत्नी मैं पिता हूँ दो चिड़ियाओं…

5 years ago

महादेवी वर्मा और कुमाऊँ के रामगढ़ में उनकी मीरा कुटीर

महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण छायावादी आन्दोलन के चार बड़े नामों में से एक थीं. इस समूह में उनके…

5 years ago

जिसके हम मामा हैं – शरद जोशी के बहाने

"बाढ़ और अकाल से मुर्गा बच जाए मगर वह हमसे सुरक्षित नहीं रह सकता" कमिश्नर ने कहा और इस मजा…

6 years ago

कौसानी के कवि सुमित्रानंदन पंत -जन्मदिन पर विशेष

20 मई 1900 को जन्मे इस सुकुमार कवि के बचपन का नाम गुसांई दत्त था. स्लेटी छतों वाले पहाड़ी घर,…

6 years ago

पहाड़ मेरे लिए माँ की गोद जैसा है

मसूरी और देहरादून के नामों के साथ रस्किन बांड (Ruskin Bond Writer Birthday ) का नाम लम्बे समय से जुड़ा…

6 years ago

अम्मा: आलोक श्रीवास्तव की कविता

अम्मा चिंतन दर्शन जीवन सर्जन रूह नज़र पर छाई अम्मा सारे घर का शोर शराबा सूनापन तनहाई अम्मा उसने खुद़…

6 years ago

मैं आता रहूँगा उजली रातों में तुम्हारे लिए

मैं आता रहूँगा तुम्हारे लिए (Poem by Chandrakant Devtale) - चन्द्रकान्त देवताले मेरे होने के प्रगाढ़ अंधेरे को पता नहीं…

6 years ago

रवीन्द्रनाथ टैगोर उत्तराखण्ड के रामगढ़ में बनाना चाहते थे शांतिनिकेतन

महान कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, गायक, गीतकार, संगीतकार, चित्रकार, प्रकृतिप्रेमी, पर्यावरणविद और मानवतावादी रवीन्द्रनाथ टैगोर पहले एशियाई व्यक्ति थे जिन्हें साहित्य…

6 years ago