पितृपक्ष -वीरेन डंगवालमैं आके नहीं बैठूंगा कौवा बनकर तुम्हारे छज्जे परपूड़ी और मीठे कद्दू की सब्ज़ी के लालच मेंटेरूँगा नहीं…
ग्यारह सितम्बर का एक फ़ोटोग्राफ़वे कूद रहे थे जलती मंजिलों सेएकदोकुछेक और- कुछ ऊपर थे, कुछ नीचेएक फोटोग्राफ़र ने उन्हें…
जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमाराजहाँ न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा जहाँ न अक्षर…
नफ़रत -विस्वावा शिम्बोर्स्का देखो कितनी सक्षम है यह अब भीबनाए हुए अपने आप को चाक-चौबन्द -हमारी शताब्दी की नफ़रत. किस…
समुद्र पर हो रही है बारिश -नरेश सक्सेना क्या करे समुद्रक्या करे इतने सारे नमक का कितनी नदियाँ आईं और…
आज अमृता प्रीतम का जन्मदिन है. 31 अगस्त, 1919 को पंजाब के गुजरांवाला अमृता प्रीतम का जन्म हुआ. पंजाबी की…
शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं? सौ, दो सौ, चार सौ या हजार-दो हजार. यही न? कुछ ने…
कुछ कद्दू चमकाए मैंनेकुछ रास्तों को गुलज़ार कियाकुछ कविता-टविता लिख दीं तोहफ़्ते भर ख़ुद को प्यार किया अब हुई रात…
किसान और आत्महत्या -हरीश चन्द्र पाण्डे उन्हें धर्मगुरुओं ने बताया था प्रवचनों मेंआत्महत्या करने वाला सीधे नर्क जाता हैतब भी…
आज सबेरैं भज कै आई दरवज्जे पै टुइयाँपटिया बैठी अम्मा बोलींकितैं गई थी गुइयाँ? बोली टुइयाँ गई सकूल मेंहोती बितैं मुनादीलड़ुआ…