कला साहित्य

नशा : मुंशी प्रेमचंद की कहानी

ईश्वरी एक बड़े ज़मींदार का लड़का था और मैं एक ग़रीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई…

3 years ago

नया क़ानून: सआदत हसन मंटो की कहानी

मंगू कोचवान अपने अड्डे में बहुत अक़लमंद आदमी समझा जाता था. गो उस की तालीमी हैसियत सिफ़र के बराबर थी…

3 years ago

कोट फट गया : नैनीताल का क़िस्सा

- अनिरुद्ध कुमार आठ बज रहे थे और नैनीताल की सर्दियों की रात शहर पर उतर चुकी थी. आप जानते…

3 years ago

बुद्धिमान मां और उसके बेवकूफ बेटे की कहानी

एक गांव में एक औरत और उसका बेटा पुरु रहता था. मां जितनी बुद्धिमान थी पुरु उतना ही नासमझ. जब…

3 years ago

मणिया: अमृता प्रीतम की कहानी

संध्या गहराने को थी, जब विद्या के पति जयदेव अपने काम से वापस आए और विद्या ने घर का दरवाज़ा…

3 years ago

पहाड़ी बारिश की ध्वनियां

रात भर बारिश टिन की छत को किसी ढोल या नगाड़े की तरह बजाती रही. नहीं, वह कोई आंधी नहीं…

3 years ago

घर-वापसी : बेला नेगी की कहानी

फेसमास्क लापरवाही से गले पर लटकाये, अधीरता से गाड़ी की खिड़की से अंदर झांकते हुए, पुलिस वाला शेखर को शक…

3 years ago

गौर्दा की कुमाऊनी कविता ‘झन दिया कुल्ली बेगार’

मुल्क कुमाऊँ का सुणि लिया यारो,झन दिया कुल्ली बेगार.चाहे पड़ी जा डंडै की मार,झेल हुणी लै होवौ तय्यार. तीन दिन…

3 years ago

मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘क्याप’ से मूली फसल

बाहर वालों को हमारी उस किस्म की गप्पें भी पसंद आयीं, जिनमें हम ऐसा जताते थे मानों गिनीज बुक आफ…

3 years ago

खट्टी चटनी जैसी माँ

खट्टी चटनी जैसी माँ बेसन की सोंधी रोटी परखट्टी चटनी जैसी माँ याद आती है चौका-बासनचिमटा फुकनी जैसी माँ बाँस…

3 years ago