कला साहित्य

औरत पहाड़ का नाम है

आंचलिक भाषा मेंमांगलिक गीत गाते हुएवे रोपती हैंज़िदगी की जड़ें पानी में रंग-बिरंगी पोशाकेंमाटी में सने हाथजैसेपिघले सोने में सने…

2 years ago

जीवन का सत्य है अज्ञेय की कहानी ‘दुःख और तितलियाँ’

शेखर उस पहाड़ी से उतरता हुआ चला जा रहा था. उसके क़दम अपनी अभ्यस्त साधारण गति से पड़ रहे थे,…

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एक दिन का मेहमान – कहानी

उसने अपना सूटकेस दरवाजे के आगे रख दिया. घंटी का बटन दबाया और प्रतीक्षा करने लगा. मकान चुप था. कोई…

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हिमालय और उसके जन-जीवन की गहन पड़ताल है ‘दावानल’

अब ताला क्या लगाना!तो क्या कोठरी खुली ही छोड़ दे?असमंजस में वह बंद दरवाजे के सामने खड़ा रह गया.(पृष्ठ-9) ‘दावानल’…

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शैलेश मटियानी की कहानी ‘कठफोड़वा’

पूरे दो वर्षों के अंतराल पर आज चंदन का तिलक माथे पर लगाया धरणीधरजी ने, तो लगा, किसी तपे तवे…

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गिर्दा की कविता ‘मोरि कोसि हरै गे कोसि’

आज जनकवि गिरीश चन्द्र तिवारी 'गिर्दा' की पुण्यतिथि है. 22 अगस्त 2010 को अपने सभी प्रियजनों को अलविदा कहने वाले…

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अनुपमा का प्रेम

ग्यारह वर्ष की आयु से ही अनुपमा उपन्यास पढ़-पढ़कर मष्तिष्क को एकदम बिगाड़ बैठी थी. वह समझती थी, मनुष्य के…

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वह एक प्रेम पत्र था

तहसील का मुख्यालय होने के बावजूद शिवपालगंज इतना बड़ा गाँव न था कि उसे टाउन एरिया होने का हक मिलता.…

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बिश्नु : पहाड़ की कहानी

‘होई नाती जा पै आपण ख्याल करिये मेरी चिन्ता झन करिये भेटण हूँ कै औने रयै, आपण बाप रन्कर जस…

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तीसमारखां : नवीन सागर की कहानी

नगरपालिका बनी तो सरकार ने प्रशासनिक अधिकारी भेजा. अधिकारी युवा था. लम्बे बाल रखता था और गजलें गाता था. बोलता…

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