कला साहित्य

जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पाजंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा

जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा

मुझे याद है जब मैं सातवीं कक्षा में थी. तब मेरी क्लास में एक लड़की पढ़ती थी. जिसका नाम "शायद"…

2 months ago
तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानीतख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी

तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी

सुबह का आसमान बादलों से ढका है, आम दिनों से काफ़ी कम आमदोरफ़्त है सड़क पर. दूर नज़र आती छोटा…

2 months ago
चेरी ब्लॉसम और वसंतचेरी ब्लॉसम और वसंत

चेरी ब्लॉसम और वसंत

यहाँ धूप नहीं आती बस छाया है खिड़की के कोने से जो रोशनी आती है उस रोशनी में धूल के…

2 months ago
ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित कियाऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया

ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया

छोटी मुखानी में हुई ऐपण प्रतियोगिता पर्वतीय लोक संस्कृति ऐपण कला को संरक्षित व उसको बढ़ाने के उद्देश्य से छोटी…

3 months ago
कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथाकफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा

कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा

सकीना की बुख़ार से जलती हुई पलकों पर एक आंसू चू पड़ा. (Kafan Chor Hindi Story By Dharmveer Bharti) “अब्बा!” सकीना ने…

4 months ago
कहानी : फर्ककहानी : फर्क

कहानी : फर्क

राकेश ने बस स्टेशन पहुँच कर टिकट काउंटर से टिकट लिया, हालाँकि टिकट लेने में उसे खासी परेशानी उठानी पड़ी…

4 months ago
मेरे मोहल्ले की औरतेंमेरे मोहल्ले की औरतें

मेरे मोहल्ले की औरतें

मेरे मोहल्ले की औरतें, जो एक दूसरे से काफी अलग है. अलग स्वभाव, कद-भी  एकदम अलहदा, अलग-अलग सोच. कुछ जुबान…

4 months ago
दीप पर्व में रंगोलीदीप पर्व में रंगोली

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक स्त्री की होती है जो…

6 months ago
गुम : रजनीश की कवितागुम : रजनीश की कविता

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी, तेरे आख़िरी अलविदा के बाद।…

6 months ago
विसर्जन : रजनीश की कविताविसर्जन : रजनीश की कविता

विसर्जन : रजनीश की कविता

देह तोड़ी है एक रिश्ते ने…   आख़िरी बूँद पानी का भी न दे पाया. आख़िरी सांस  की आवाज भी ना सुन…

6 months ago