समाज

बचपन में गौरेया हमारे जीवन में रची-बसी थी

देहरादून में घर के पीछे दीवार पर जो लकड़ी के घोसले मैंने टाँगे थे उनमें गौरेयों ने रहना स्वीकार कर…

4 years ago

बंसत पंचमी नये कार्यों की शुरुआत करने का पर्व है

बसंत ऐग्ये हे पार सार्यो मां, रूणक झुणक ऋतु बसंत गीत लगांदि ऐग्ये... आज से बंसत का आगमन हो गया…

4 years ago

झन दिया बौज्यू शराबी घर, शराबी देखि लागछि डर

इस बात में शायद ही दो राय हो कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अर्थव्यवस्था की रीढ़ यहां की महिलायें…

4 years ago

समाप्त होता जा रहा है संक्रांत में पैड या पूरी देने का रिवाज

हमारे पहाड़ों में सभी लोग संक्रांत कोई त्यौहार में पूरे गांव बाखली में दो-दो पूरी और एक बड़ा (पैड) देने…

4 years ago

कुटी गाँव और वहाँ के लोगों की तस्वीरें

बताया जाता है कि पांडव जब स्वार्गारोहण को जा रहे थे तो इस स्थान पर लम्बे वक़्त के लिए रुक…

4 years ago

ऐसे बनायें घर पर ही शुद्ध पिठ्या

हिन्दू परिवारों में कोई उत्सव हो अथवा पारिवारिक रस्म, पिठ्या (रोली) के बिना रस्म पूरी नहीं होती. अमूमन लोग बाजार…

4 years ago

समाज के लिए आदर्श हैं रुद्रपुर के 71 वर्षीय सरदार मनमोहन सिंह

समाजसेवा और सिक्ख एक दूसरे के पर्याय हैं. पूरे विश्वभर में आपातकालीन स्थितियों में सेवा देने के लिए सिक्ख समाज…

4 years ago

उत्तराखंड की महिलाओं को भी माहवारी के दौरान मानसिक यातना से गुज़रना होता है

स्कूल की घंटी बजते ही सभी बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओं में दौड़ जाते हैं. सातवीं कक्षा की स्वाति (काल्पनिक नाम) भी…

4 years ago

बाबिल घास : पहाड़ की बहुउपयोगी घास

बाबिल, जिसे गढवाल क्षेत्र में बाबड़ नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानों पर उगने वाली एक…

4 years ago

पुरिया नैथानी : जिनके कारण औरंगजेब ने गढ़वाल को जजिया कर से मुक्त किया

मध्यकालीन गढ़वाल की राजनीति जिसे गढ़ नरेशों के युग से भी जाना जाता है, में कुछ असाधारण व्यक्तियों ने अपनी…

4 years ago