समाज

कुमाऊनी महाभारत गाथा से एक दिलचस्प अनसुनी कथा

एक दिन भटकते हुए सातों पाण्डव एक दुद बुढ़िया (नर मांस खाने वाली एक बढिया) के घर पहुँचे. यह दुद…

4 years ago

घर पर ऐसे बनती है पहाड़ियों की जनेऊ

जन्यौ पुन्यू के अवसर पर आपके कुल पुरोहित आपको जनेऊ भेट करने अवश्य आयेंगे, यदि वे बाजार से खरीदकर जनेऊ…

4 years ago

क्यों रखते हैं किसी के सिरहाने लोहे की दरांती

सभी जानते हैं मनुष्य जाति द्वारा लोहे का इस्तेमाल किये जाने से पहले प्रस्तर युग और कांस्य युग थे. यही…

4 years ago

आमा की दुआ है कि ऐसा साल फिर कभी न आये

"ईजा यौ साल कभैं नी आण चैं," आमा के मुह से एक दर्द भरे लहजे में यह बात निकली. मैं…

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पहाड़ियों के गोठ में रहने वाले जानवरों को होने वाले रोग और सयानों के बताये ईलाज

पहाड़ में हर घर गोठ में जानवर हो और उनकी देखभाल में कोई कोर कसर रह जाए तो घर की…

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आकाशवाणी के कार्यक्रम उत्तरायण को पहाड़ियों की सांस्कृतिक धड़कन बनाने वाले बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ : पुण्यतिथि विशेष

कोई 30-31 वर्ष तक आकाशवाणी के शॉर्ट वेव 61.48 यानी 4480 किलोहर्ट्ज पर रोज शाम सुदूर पर्वतीय अंचल (उत्तराखण्ड) के…

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एक लड़की और उसका पति जो सर्प था – कुमाऊनी लोककथा

एक बार एक आदमी की एक पत्नी थी. आदमी उससे नाराज था. उसने खुद से कहा, “अगर मैं एक पत्थर…

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प्रेत और उसका बेटा – कुमाऊनी लोककथा

बहुत समय पहले की बात है. एक आदमी की मृत्यु हो गयी. उसका 10-12 साल का एक ही बेटा था.…

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तस्मै श्री गुरुवे नमः – गुरु पूर्णिमा पर विशेष

द्रोणाचार्य पहले राजकीय शिक्षक थे. भीष्म पितामह द्वारा नियुक्त. उनसे पहले भी कुछ रहे होंगे पर उनका स्टेटस कैबिनेट दर्जे…

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इस तरह काठगोदाम से मायावती आश्रम पहुंचे स्वामी विवेकानंद : पुण्यतिथि विशेष

26 दिसम्बर 1900 के पत्र में स्वामी विवेकानन्द कु. मैकलिआड को लिखते हैं - "कल मैं पहाड़ की ओर प्रस्थान…

4 years ago