समाज

उत्तराखंड में हिम मानव ‘येति’ के निशान

यति या मिच कांगामी (भयंकर हिममानव) सदियों से मनुष्य के लिए एक कौतुहल का विषय रहा है. अनेक देशों में…

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बकरी खाने वाली एक भूतनी जिसकी जान एक तोते में बसती थी: पहाड़ी लोककथा

सालों पहले मध्य हिमालय के जंगल में एक आदमी अपनी 15 बकरियों के साथ जा रहा था. जंगल में बकरियों…

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बच्चू लाल भट्ट: आज़ादी के लिये कालापानी की सजा पाने वाला एक पहाड़ी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक लोगों ने योगदान दिया. बड़े नेताओं के अलावा ऐसे हज़ारों नाम हैं जो आज भी…

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श्री हनुमान धाम छोई

पिछले कुछ वर्षों में हनुमान धाम मंदिर रामनगर आने वाले पर्यटकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय रहा है. कार्बेट से लगा…

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ये आकाशवाणी है, अब आप देवकी नंदन पांडे से समाचार सुनिए…

ये आकाशवाणी है, अब आप देवकी नंदन पांडे से समाचार सुनिए... रात के पौने नौ बजे भारत के घर-घर में…

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बसंत के पुजारी पहाड़ी बच्चों का आस का पर्व: फुलदेई

फुलदेई, उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध और बच्चों का खूबसूरत त्योहार है. फुलदेई शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है. फूल…

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कल है फूलदेई

पहाड़ के लोग अपनी विशिष्ट संस्कृति के लिये जाने जाते हैं, जाने जाते हैं प्रकृति से अपने प्रेम के लिये.…

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अपने संघर्षों पर हमेशा मुस्कुराने वाले पहाड़ियों के सपनों पर चांदनी एंटरप्राइजेज का गीत: आस

सपनों से दिखने वाले हिमालय के बीच बसे गावों में हर समय सपने पलते हैं. सपनों में कोई फौजी है…

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पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें

पहाड़ की होली और होल्यारों की यादो का रंगीन पिटारा जहां भी खुले शमा रंगमस्त हो जाता है. कभी वक्त…

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जब उत्तराखंड के जंगलों में भटके दयानन्द सरस्वती

स्वामी दयानन्द जी 11 अप्रैल सन् 1855 को 30 वर्ष की उम्र में कुम्भ मेले की धूम सुनकर उत्तराखण्ड के…

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