समाज

वरिष्ठता का पैमाना है पहाड़ी नामकरण का भात

नामकरण हमारे हिन्दू धर्म का पांचवां संस्कार होता है इस दिन माता-पिता नहाकर नए वस्त्र पहनते हैं और शिशु को…

3 years ago

वन अनुसंधान संस्थान ‘एफआरआई,’ देहरादून का इतिहास

भारत में जब अंग्रेजों ने अपने पैर पसारना शुरू किया तो उन्हें उत्तर भारत के विशाल जंगलों का महत्त्व जल्द…

3 years ago

ढोलियों के बिना लोकदेवता की हर पूजा अधूरी मानी गयी है

रामगंगा नदी को पानी देने वाली अनेक गुमनाम नदियों के किनारे अनेक गांव हैं जिनके नाम सिवा खाता-खतूनी के कहीं…

3 years ago

उत्तराखंड के इस इलाके में दुल्हन जाती है बारात लेकर दूल्हे के घर

उत्तराखंड अपनी सांस्कृतिक विवधता के लिये खूब जाना जाता है. गढ़वाल, कुमाऊं, जौनसार, भाबर से मिलकर बने इस राज्य में…

3 years ago

राजी जनजाति : परम्पराएँ व रहन-सहन

वनरौत को ले कर वैसे तो कई कहानियां हैं लेकिन पूर्वजों द्वारा सुनाए गए किस्सों व किमखोला के राजी समुदाय…

3 years ago

नैनीताल में पर्यटन का बीड़ा उठाने वाली पहली ब्रिटिश महिला

भारत के गर्म और उमस भरे मौसम के बीच नैनीताल की खोज ब्रिटेन के लोगों के लिए वरदान की तरह…

3 years ago

ताकुला की आमा का होटल और पहाड़ियों की बस यात्रा

शहरों से पहाड़ को लौटने पर हल्द्वानी से ही एक अलग उर्जा का संचार होने लगता है. लम्बे सफ़र की…

3 years ago

तीन पहाड़ी युवाओं का ‘बेरोजगारी ढाबा’ से ‘अपनी रसोई’ तक का सफ़र

श्रीनगर (गढ़वाल) से जब आप चल रहे होंगे तो खिर्सू आने से पहले खिर्सू बैंड आपकी ओर मुखातिब होकर मन…

3 years ago

नैनीताल में होने वाले खेलों की 100 साल पुरानी तस्वीरें

नैनीताल अपने शुरुआती दिनों से ही अंग्रेजों की पंसदीदा जगहों में से एक रही है. नैनीताल को लेकर यहां रहने…

3 years ago

अरब देशों से जलेबी भारत पहुंच उत्तराखण्ड की सबसे लोकप्रिय मिठाई बनी

आज से बारह सौ साल पहले बग़दाद में जन्मे कवि इब्न अल-रूमी अपनी एक कविता में सफ़ेद आटे के गाढ़े…

3 years ago