समाज

जब तिल्लू बड़बाज्यू भिटौला लेकर आये

भिटौली पर याद आया कि उस साल हम पहाड़ में रहे थे जब तिल्लू बड़बाज्यू भिटौला लेकर आये होंगे. आप…

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युगदृष्टा जोहारी ‘बाबू रामसिंह पांगती’

बाबू रामसिंह पांगती जोहार की उन महान विभूतियों में से एक थे जिन्होंने इस क्षेत्र के तत्कालीन समाज में व्याप्त…

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कूर्मांचली परम्परा में जल का महत्त्व

मानव जीवन में बालक के जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन के विभिन्न संस्कारों में जल का महत्वपूर्ण स्थान है.…

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देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला

झंडा मेला 350 वर्ष से भी पुराना ऐतिहासिक मेला है. होली के ठीक चार दिन बाद एक महीने तक चलने…

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शहादत दिवस विशेष : भगत सिंह आज़ादी के नायक हैं

भगत सिंह (28 सितम्बर 1907 से 23 मार्च 1931) मूर्तियाँ नायक नहीं गढ़तीं, नायकत्व बुतों का मोहताज नहीं होता. भगत…

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रंग-भरी एकादशी के साथ असल पहाड़ियों की होली शुरू

पहाड़ों में असल होली की शुरुआत एकादशी से ही होती है. दशमी और एकादशी के जोड़ के दिन गांव-गांव में…

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कल है फूलदेई

प्रकृति की गोद में पलने और बढ़ने वाले पहाड़ियों का पर्व फूलदेई है कल. पहाड़ियों का जीवन में प्रकृति का…

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समझना मुश्किल है पहाड़ की औरत के एक दिन का हिसाब-किताब : विश्व महिला दिवस

गांव जाता था तो मुझे मां जैसी ही ताई, चाची, दीदी, बुआएं भी लगती थीं. मैं हैरान होता था कि…

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दुनिया की सबसे प्रभावशाली चीज : कुमाऊनी लोककथा

किसी समय एक राजा हुआ करता था. राजा ने अपनी राजधानी के चारों दरवाजों पर गुप्तचर तैनात किये थे. वहां…

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विरासत है ‘खन्तोली गांव’ की समृद्ध होली परम्परा

https://www.youtube.com/embed/C1okbwnThc8 मुझे पहला मंच मेंरे गांव खन्तोली की होली में मिला. गांव के लोगों के प्रोत्साहन और शाबासी ने ही…

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