समाज

गढ़वाल के वीर सेनापति ‘लोदी रिखोला’ की कहानी

पट्टी मल्ला बदलपुर के बयेली गांव में लगभग सन 1590 ई० में लोदी रिखोला का जन्म रिखोला परिवार में हुआ…

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पहाड़ी संस्कृति को अन्तराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले मोहन उप्रेती की पुण्यतिथि है आज

1955 का साल था. दुनिया में शीतयुद्ध की हवा गर्मा रही थी. भारत के दौरे पर सोवियत रूस के दो…

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ओ परुआ बौज्यू की गायिका वीना तिवारी

यदि उत्तराखंड और विशेषरूप से कुमाऊं अंचल की बात करूं तो यहां की सर्वाधिक पसंदीदा फीमेल वाइस नईमा खान उप्रेती,…

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बेमौत ज़मींदोज़ हुए लोगों की भटकती आत्माएं ट्वाल के रूप में दिखती हैं

पहाड़ की लोक परम्पराओं, लोक आस्थाओं एवं लोकपर्वों की विशिष्टता के पीछे देवभूमि के परिवेश का प्रभाव तो है ही…

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साइकिल, उस्ताद और शिक्षा

अपने जमाने में चलन ऐसा नहीं था कि तीन साल का हो जाने पर बच्चे को तिपहिया साइकिल दिलायी जाए…

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पहाड़ों में गर्मियों के दिन और बच्चे

गर्मियों के दिनों में जब हम स्कूल की छुट्टी के बाद घर पहुंचते थे ईजा, बाज्यू, जेठजा सब लोग सिन्तोला…

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कहाँ से आई अल्मोड़े की बाल मिठाई

https://www.youtube.com/embed/h4jd64CFtwY अल्मोड़ा और बाल मिठाई तो जैसे एक दूजे के पर्याय हैं. इधर अपने बाल मिठाई कहा उधर अल्मोड़ा ख़ुद-ब-ख़ुद…

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असौज का नाम आते ही पहाड़ में बुतकार लोगों की बाजुएं फड़कने लगती हैं

असौज का नाम आते ही पहाड़ में बुतकार लोगों की बाजुएं फड़कने लगती हैं और कामचोरों की सास मर जाती…

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हिमालयी क्षेत्रों में शादी के रीति-रिवाज व परम्पराएँ

विवाह एक उत्सव है. विवाह एक परम्परा, एक संस्कार है. उच्च हिमालय के रहवासी शौका समाज या जोहारी समाज की…

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अल्मोड़े का अनरिया जिसने भूत-भिसौंड़ों से मडुवे के खेतों में गुड़ाई करवाई

अल्मोड़ा के पास ही एक गांव था जिसका नाम था अन्यारीकोट. अन्यारीकोट के लोग भूत-भिसौंड़े को नियंत्रित करने में माहिर…

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