समाज

डांडी यात्रा में उत्तराखंड के सत्याग्रही

भारत के इतिहास में 12 मार्च का दिन ख़ास है. आज ही के दिन 1930 को महात्मा गांधी ने डांडी…

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जिनके पिया परदेस बसत हैं : लखनऊ में कुमाऊनी होली की परम्परा

'उत्तराखण्ड होली के लोक रंग' शेखर तिवारी द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है. चंद्रशेखर तिवारी काफल ट्री के नियमित सहयोगकर्ता…

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फिरंगी जुल्म सहने की प्रैक्टिस के लिए जब अल्मोड़े के युवक अपने घावों में नमक भरवाते थे

अल्मोड़े में कांग्रेस का जन्म 1921 में हुआ. इससे पहले जब 1905 में बंग भंग आन्दोलन का प्रारम्भ हुआ, उससे…

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रंग डारि दियौ हो अलबेलिन में – पहाड़ी होली पर गिर्दा का आलेख

काफल ट्री के नियमित सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी ने 'उत्तराखण्ड होली के लोक रंग' नाम से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का सम्पादन…

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इतिहास का खज़ाना है बिनसर की खाली एस्टेट

बिनसर की खाली एस्टेट अल्मोड़ा के नज़दीक स्थित बिनसर (Binsar) वन्यजीव अभयारण्य अपनी ख़ूबसूरती के लिए खासा प्रसिद्ध है. इस…

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बगड़: तटीय भूमि पर बसे गाँव-कस्बे

उत्तराखण्ड के गढ़वाल व कुमाऊँ दोनों ही मंडलों में कई जगहों के नाम में बगड़ शब्द का इस्तेमाल हुआ करता…

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पिथौरागढ़ की होली के बहाने पहाड़ में होली के रंग

बुरांश, आड़ू-पुलम, पैयां-नाशपाती के फूलों से भरे हुए रंग-बिरंगे पेड़ इस बात का संकेत देते हैं कि होली के त्यौहार…

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छछिया या छ्छेड़ो उर्फ़ छसिया: उत्तराखण्ड का पारंपरिक व्यंजन

छछिया का हिंदी अर्थ होता है एक बर्तन जिसमें मट्ठा रखा जाता है. लेकिन उत्तराखण्ड में यह एक अर्धतरल व्यंजन…

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महाशिवरात्रि के दिन पिथौरागढ़ के सेरादेवल मंदिर में मेले की तस्वीरें

पिथौरागढ़ जिले से छः किलोमीटर की दूरी पर एक गांव कासनी है. पिथौरागढ झूलाघाट रोड पर स्थित इस गांव के…

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उत्तराखण्ड में स्थित शिव मंदिरों से जुड़ी दस अनूठी बातें

शिव अनेक हैं. उत्तराखंड में शिव को अनेक रूपों में पूजा जाता है. उत्तराखंड में शैव और वैष्णव दोनों संप्रदाय…

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