समाज

इतिहास का विषय बन चुकी हैं उत्तराखण्ड के पर्वतीय अंचलों की पारम्परिक पोशाकें

विश्व के अन्य भागों की भाँति ही उत्तराखण्ड की संस्कृति भी अपने आप में समृद्ध रही है, परन्तु आधुनिकता की…

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पहाड़ियों की अंग्रेजी टैट है

दिन भर की थकी हारी आमा जैसे ही सूरज डूबने के बाद घर में घुसी तो देखा किशन अंदर चारपाई…

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ऊँची चोटियों पर क्यों बसते हैं पहाड़ियों के लोकदेवता

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पहाड़ी अपने सरल व्यवहार के लिए जाने जाते…

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व्यासऋकी (व्यास ऋषि) पूजा परंपरा, कल और आज

परिचय- ‘‘नमोस्तु ते व्यास विशालबुद्धे, फुल्लारविन्दायतपत्रनेत्र:. येन त्वया भारततैलपूर्ण: प्रज्ज्वालितो ज्ञानमयप्रदीप:..’’ अर्थात:- जिन्होंने महाभारत रूपी ज्ञान के दीप को प्रज्वलित…

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उत्तराखण्ड में टोपी पहनने का चलन कब शुरू हुआ?

सर्द मौसम है कभी बादल सूर्य को आगोश में ले लेते हैं कभी सूरज देवता बादलों को पछाड़कर धूप फेंकते…

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अंग्रेजी ने बिगाड़ा इस ख़ूबसूरत पहाड़ी कस्बे का नाम

'बेरीनाग शब्द 'बेड़ीनाग' का अपभ्रंश है. बेड़ीनाग का अर्थ लिपटे हुए नाग से है. समझा जाता है कि अंग्रेजी में…

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पहाड़ी ऑटो चालक ने 6 लाख के जेवर लौटाकर पेश की ईमानदारी की मिसाल

क्या हो अगर जिस बैग में दुल्हन के लाखों के जेवरात रखे हों ऐन फेरों के मौके पर वे गुम…

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‘सांस्कृतिक संक्रमण’ पर प्रो. डी. डी. शर्मा का तीस साल पुराना लेख

आज से 60-70 वर्ष पूर्व हमारी पीढ़ी के लोगों ने कुमाऊँ की पावन भूमि के जिस सांस्कृतिक वातावरण में प्रथम…

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नवम्बर की गुलाबी धूप और माल्टा

देश और दुनिया के लोगों के दिमाग में माल्टा शब्द सुनकर यूरोपीय देश का ध्यान आता है. पर एक असल…

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पिथौरागढ़ में फुटबाल का स्वर्णिम इतिहास

पिथौरागढ़ में वर्ष भर फुटबॉल खेली जाती थी. लेकिन दूर्नामेंट का आयोजन देवसिंह मैदान में ही होता और खेल का…

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