समाज

कुमाऊं के इतिहास में मंगल की रात और नगरकोटियों की जुल्फें

चंद शासकों ने अपनी खस प्रजा को नियंत्रित करने हेतु हिमांचल से योद्धा बुलाये थे. हिमांचल से बुलाये इन योद्धाओं…

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अपनी आमा की बहुत याद आती है मुझे

बात सन् 1982 के शुरुआती दिनों की है जब आमा लोहे के सन्दूक में पूरा पहाड़ समेटकर वाया बरेली यहाँ…

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दानपुर परगना: जहाँ के मूल निवासी दाणौ या दाणू कहे जाते हैं

नंदाकोट पर्वत की तलहटी कुमाऊँ की प्रसिद्ध नदियों, सरयू व गोमती के तट पर बसा है दानपुर परगना. 1997 में…

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भीमताल और टूट चुके पत्थर का दर्द

शायद 69-70 के दशक की बात होगी, मैं तब भीमताल के एल. पी. इंटर कॉलेज में आठवीं या नवीं का…

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जब कोसी और सुयाल नदी के संगम पर 700 नागा सन्यासी मारे गये

अल्मोड़े में अपनी राजगद्दी छिनने के बाद चंद राजा मोहनचंद मदद के लिये जगह-जगह भटक रहा था. उसे गुजर के…

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भट के डुबके – इक स्वाद का दरिया है और डुबके जाना है

पहाड़ के जायके - 1 पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद वर्ष 1990-91 में पत्रकारिता की सांस्थानिक नौकरी में चला गया.…

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सिटोला : पहाड़ों में अपनी अदाओं के लिये लोकप्रिय पक्षी

सिंटोला पहाड़ों में बहुतायत से पाई जाने वाली एक चिड़िया का नाम है जिसे हमने अपने घर आगनों में न…

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श्रीनगर: ऐतिहासिक तौर पर गढ़वाल की सत्ता व व्यापार का केंद्र

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिले का ऐतिहासिक क़स्बा है श्रीनगर. अलकनंदा नदी के तट पर बसा श्रीनगर भारत…

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दारमा घाटी की राजुला और उसकी अमर प्रेम गाथा

उतरा खण्ड भला देश एक छा भोटान हिमगिरी जड़ पर रमणीक स्थान. उति रनी बड़ा बड़ा व्यौपारी लै सेट भौत…

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रुद्रनाथ : जहाँ भगवान शिव के एकानन रूप की पूजा होती है

उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है भगवान शिव का मंदिर रुद्रनाथ. रुद्रनाथ पंचकेदारों में से एक है,…

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