समाज

कुमाऊं के पहाड़ों में ऐसे लोग हैं जिनके पंख होते हैं और जो उड़ भी सकते हैं : बदायूंनी

रुद्रचंद, चंद शासकों में सबसे शक्तिशाली शासक के रूप में जाना जाता है. रुद्रचंद के शासन काल में ही चंद…

5 years ago

जब पिथौरागढ़ का सारा सरकारी कामकाज बजेटी से चलाया जाता था

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का जब भी इतिहास लिखा गया है तब एक सामान्य धारणा यह बनाने की रही है…

5 years ago

मसूरी का इतिहास

उत्तराखण्ड के गढ़वाल मण्डल के पहाड़ी कस्बे मसूरी को पहाड़ों की राजधानी भी कहा जाता है. मसूरी उत्तराखण्ड का सबसे…

5 years ago

जलते जंगल का वसंत

आज सुबह आँख खुली तो मन कुछ उद्विग्न था. बेसिरपैर का, पता नहीं क्या सपना देखा था रात को, कि…

5 years ago

महंत कहते हैं क्यूंकालेश्वर नहीं कंकालेश्वर है पौड़ी के इस विख्यात मंदिर का असली नाम

पौड़ी गढ़वाल में स्थित विख्यात कंकालेश्वर मंदिर को पर्यटन विभाग क्यूंकालेश्वर मंदिर के नाम से प्रचारित करता है अलबत्ता वहां…

5 years ago

डीडीहाट का सीराकोट मंदिर

पिथौरागढ़ जिले के मुख्यालय से लगभग पचास किमी की दूरी पर स्थित है डीडीहाट. डीडीहाट एक एतिहासिक नगर है जिस…

5 years ago

कुमाऊं के इतिहास का सबसे बड़ा कूटनीतिज्ञ हर्ष देव जोशी

चम्पावत के तत्कालीन राजा दीप चंद के दीवान थे हर्ष देव जोशी. एक किंगमेकर, कूटनीतिज्ञ, प्रशासक, सैन्य अधिकारी और अतीव…

5 years ago

झोड़ा : प्रेम और श्रृंगार से भरा नृत्यगान

अल्मोड़ा-रानीखेत-सोमेश्वर-द्वाराहाट क्षेत्र में झोड़ा एक लोकप्रिय नृत्यगान शैली है. झोड़ा चांचरी का ही परवर्ती रूप लगता है. झोड़ा हिंदी के…

5 years ago

अल्मोड़ा के राम सिंह धौनी ने की थी ‘जयहिंद’ नारे की शुरुआत

'जय हिंद' का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस या किसी अन्य ने नहीं बल्कि अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के जैंती निवासी और…

5 years ago

86 साल की उम्र में बागवानी से स्वरोजगार का मॉडल खड़ा कर कायम की मिसाल

पहाड़ में रोजगार को लेकर पलायन की कहानियां अक्सर सुनने को मिलती हैं. कभी पानी का न होना तो कभी…

5 years ago