भैरव मंदिर से आगे कि ओर जहाँ गुरुद्वारा है, उसके पीछे की गली जो कसेरा लाइन से दूसरी ओर मिलती…
नैनीताल में दुर्गालाल साह पुस्तकालय की अलग पहचान है. इस पुस्तकालय की स्थापना 1914 में अंग्रेजों ने की थी. उसी…
इतिहासकार युवाल नोआ हरारी चेताते हैं कि फ़ासीवादियों को पहचानना आज इतना भी आसान नहीं है. वे हमेशा अपनी राक्षसी…
[पिछली क़िस्त: जमरानी बाँध का अजब किस्सा ] बची गौड़ धर्मशाला से लगी मटरगली नाम से धीरे-धीरे एक बाजार विकसित…
कुछ दस बजे का समय रहा होगा, कुछ चल्लों की फोटो खींचते-खींचते मै एक प्राथमिक स्कूल के पास से गुजर…
उत्तराखण्ड में चाय की खेती का इतिहास 150 वर्ष पुराना है. उत्तराखण्ड में भी चाय की खेती यूरोपियनों के आने…
नॅशनल ज्योग्राफिक द्वारा अपनी बहादुरी के लिए सम्मानित भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने साल 2018 में एक…
उत्तराखंड में अनेक नदियां बहती हैं और इन नदियों को पार करने के लिये यहां अनेक पुल हैं. पहाड़ी इलाकों…
अल्मोड़ा में खीम सिंह-मोहन सिंह की बालमिठाई, तो श्रीनगर में धनाईजी के पेड़ों का जबा़ब नहीं है. दशकों पहले हनुमान…
[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी में नहरों का जाल बिछाया था हैनरी रामजे ने] कहा गया था कि जमरानी बाँध बनाने…