परम्परा

इगास बग्वाल : दीवाली के ग्यारह दिन बाद गढ़वाल में मनाई जाने वाली दीपावली

दीपावली के ठीक ग्यारह दिन बाद गढ़वाल में एक और दीपावली मनाई जाती है जिसे इगास बग्वाल कहा जाता है.…

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कल उत्तराखंड में मनाया जायेगा लोकपर्व इगास

इगास: बारा-बग्वाली का समापन-पर्व इगास (एगास भी), उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र में मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है. दीपावली यहाँ…

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सोमेश्वर घाटी में दूतिया के च्यूड़े कूटने की एक्सक्लूसिव तस्वीरें

पहाड़ में जीवन जीने का पर्याय है हाड़-तोड़ मेहनत. हाड़-तोड़ मेहनत पहाड़ के लोगों का आभूषण है जिसे यहां के…

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आज दोपहर 1:11 बजे से है भैया दूज का शुभ मुहूर्त

आज भैया दूज है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन अर्थात दीपावली के दो दिन बाद इस…

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‘जी रये जाग रये’ – भाई को च्यूड़े का टीका लगाने और आशीष देने का त्यौहार है आज

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया अर्थात दीवाली के दो दिन बाद भैया दूज या भाई दूज का त्यौहार…

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कुमाऊं में गोवर्धन नहीं गोधन उत्सव मनाया जाता है आज

गोधनोत्सव उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल में दीपावली के दूसरे दिन यानि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाने वाला पशुत्सव है.…

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कुमाऊं के सर्वाधिक पूज्य और लोकप्रिय देवताओं में से एक है भोलानाथ

भोलानाथ कुमाऊं के सर्वाधिक पूज्य और लोकप्रिय देवताओं में से एक है. यह अनेक कुलों का इष्ट देवता है. इसकी…

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मसाण, आंचरी, खबीस और ऐड़ी : कुमाऊं-गढ़वाल में निवास करने वाली पारलौकिक शक्तियां

मृत्यु के बाद आदमी कहां जाता है? इस प्रश्न ने मानव सभ्यता को हजारों सालों से असमंजस में डाला है.…

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गंगोलीहाट की डॉ. सविता जोशी जो गुड़गांव में गेरु और बिस्वार से ऐपण बना कर देश और दुनिया में अपनी संस्कृति को लोकप्रिय बना रही हैं

ऐपण हमारी परवरिश का एक हिस्सा रहा है जो बाद में केवल महिलाओं और लड़कियों तक सीमित रह गया. ऐपण…

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जब हरु देवता ने बारह साल की कैद से मुक्त कराया सैम देवता को

कुमाऊं  के जागरों में ‘छिपुलाकोट का हाड़’ के नाम से सैम की एक जागर गाथा गायी जाती है जिसमें बताया…

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