परम्परा

खजूरे, गुड़पापड़ी, खिरखाजे और च्यूड़े – पहाड़ का पारम्परिक फास्ट फूड

पिज्जा, बर्गर और फास्ट फूड के इस दौर में यदि उत्तराखण्ड के परम्परागत व्यंजनों की बात करें तो आधुनिक पीढ़ी…

4 years ago

बड़ी मेहनत से बनती है पहाड़ की कुड़ी

पहाड़ में परंपरागत बने मकानों में स्थानीय रूप से उपलब्ध पत्थर, मिट्टी, लकड़ी का प्रयोग होता रहा. हवा और धूप…

4 years ago

जल्द ही लुप्त हो जायेंगे परंपरागत पहाड़ी लुहार

उसके चेहरे पर आग की दहक से उभरने वाली चमक बिछी थी... आंखें भट्ठी की आग पर टिकी हुईं. बीच-बीच…

4 years ago

गरुड़-सोमेश्वर वाले रहमान चचा और कुमाऊनी-गढ़वाली भाषा

विगत 9  दिसम्बर को गरुड़ वाले चाचा आ गए ,चाची को साथ लेकर. हम उन्हें गरुड़ वाले चाचा कहते हैं.…

4 years ago

गांव सिरसोली की पार्वती देवी से लेकर शिकागो यूनिवर्सिटी तक एकमत हैं मेहमाननवाजी को लेकर

वह भी क्या दौर था, जब मेहमानों के आते ही खुशी छा जाती थी. अतिथि देवो भव की सनातन परंपरा…

4 years ago

चितई का गोलू देवता मंदिर

कुमाऊं के अनेक प्रतिष्ठित देवता हैं— जैसे गोलू, हरू, सैम, ऐरी, गंगनाथ, भोलानाथ, कलबिष्ट, चौमू, भूमिया आदि. ये सभी मध्यकाल…

4 years ago

बूढ़ी हो चली पहाड़ी शादियों की कई परम्परागत रस्में

यह कहना गलत न होगा कि उत्तराखण्ड की शादियों में जो रस्में होती थी, उनमें से कई आज बूढ़ी हो…

4 years ago

कुमाऊनी विवाह में ‘सुआल पथाई’ के दौरान गाया जाने वाला गीत

सुआल पथाई कुमाऊनी विवाह परम्परा का अभिन्न हिस्सा है. सुआल पथाई का कार्यक्रम विवाह से एक या तीन अथवा पांच…

4 years ago

आज शुरू हुए जौलजीबी मेले की एक्सक्लूसिव तस्वीरें

पिथौरागढ़ जिले में आज जौलजीबी के मेले का आयोजन किया गया. जौलजीबी कस्बा पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 68 किमी की…

5 years ago

दुनिया भर के लोगों के लिये एक मिसाल पेश कर रहे हैं पिथौरागढ़ के पातों गांव के लोग

उत्तराखंड के मानचित्र में मुनस्यारी को एक दूरस्थ क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया जाता है. मुनस्यारी मुख्यालय से करीब…

5 years ago