जन

गले में पाटी लटकाकर स्कूल जाने की याद

लोग अपने कालेज के दिन याद करते हैं. जवानी के दिनों पर चर्चा करते हैं पर मुझे लगता है पहाड़ी…

2 years ago

ईद की सिवईं में और ज्यादा मिठास घोलने वाली खबरें

आस बँधाते लोग, उम्मीद जगाती खबरें हम ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जब पूरे देश में सांप्रदायिक घृणा भड़काने…

2 years ago

कुमाऊँ में अलग विशेषताओं वाली जमीन के नाम

उत्तराखण्ड में अलग-अलग विशेषताओं वाली जमीन के लिए अलग शब्द या वाक्यांश इस्तेमाल किये जाते हैं. (Names of Land with…

2 years ago

समझना मुश्किल है पहाड़ की औरत के एक दिन का हिसाब-किताब : विश्व महिला दिवस

गांव जाता था तो मुझे मां जैसी ही ताई, चाची, दीदी, बुआएं भी लगती थीं. मैं हैरान होता था कि…

2 years ago

शंखनाद से कम आध्यात्मिक नहीं हिमालयी मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियों के सुर

हिमालयी चरवाहों के मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियाँ और उनकी ध्वनि भी इन चरवाहों के जीवन की तरह…

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राजी जनजाति : परम्पराएँ व रहन-सहन

वनरौत को ले कर वैसे तो कई कहानियां हैं लेकिन पूर्वजों द्वारा सुनाए गए किस्सों व किमखोला के राजी समुदाय…

2 years ago

ताकुला की आमा का होटल और पहाड़ियों की बस यात्रा

शहरों से पहाड़ को लौटने पर हल्द्वानी से ही एक अलग उर्जा का संचार होने लगता है. लम्बे सफ़र की…

2 years ago

सम्प्रेषण की अद्भुत क्षमता रखते हैं कुमाऊनी लोकभाषा के समयबोधक शब्द

शब्द अथवा शब्दों के समुच्चय से कोई भाव या विचार बनता है. यदि मात्र एक शब्द से ही हम किसी…

3 years ago

जिनके बिना अधूरा है पिथौरागढ़ में ‘टकाना की रामलीला’ इतिहास

टकाना रामलीला का प्रारम्भ से अब तक का सफर व मंचन बहुत ही सुन्दर, सराहनीय और लोकप्रिय रहा है. हमेशा…

3 years ago

उत्तराखंड के रीति-रिवाज़ों पर भी पलायन की मार

पलायन के साथ-साथ रीति रिवाजों का पलायन भी जोर पकड़ रहा है. पहले अपनी क्षमता के अनुसार खेती करके, उसमें…

3 years ago