इतिहास

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 31

रानी बाग यहां का एक पवित्र स्थान माना जाता है यहां एक पुराना चित्रेश्वर शिवालय के नाम से मंदिर है…

5 years ago

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 30

बाबा नीम करोली महाराज को लेकर भी श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा रही है अपने बचपन को याद करते हुए डॉ.…

5 years ago

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 29

पहाड़ की प्रमुख मंडी हल्द्वानी के आबाद होने की कहानी बहुत रोचक है. इसका वर्तमान चाहे कितना ही स्वार्थी हो…

6 years ago

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 28

काठगोदाम व रानीबाग के बीच ऊँची पहाड़ी पर शीतला देवी का मंदिर है. अब यहाँ चहल-पहल बढ़ गयी है लेकिन…

6 years ago

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 27

गौला पार में कालीचौड़ का मंदिर भी पुरातत्विक महत्त्व का है किन्तु इस सम्बन्ध में अभी तक खोज नहीं की…

6 years ago

स्मृति शेष : शमशेर सिंह बिष्ट का एक पुराना और मौजूं इंटरव्यू

शमशेर सिंह बिष्ट उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन के आन्दोलन की भी अग्रिम पंक्ति में थे. राज्य गठन के बाद वे…

6 years ago

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 26

1960 से पहले यहाँ यात्रियों, पर्यटकों के टिकने के लिए विशेष होटलों कि व्यवस्था नहीं थी. तेवाड़ी होटल, जगदीश होटल,…

6 years ago

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 22

सन् 60-70 के दशक में साम्यवादी विचारधारा के नाम पर बहुत से पाजी लोगों का जमघट मैंने यहां देखा. वे…

6 years ago

उत्तराखंड की पहली अद्भुत वीरांगना – जियारानी

संसाधनहीनता के कारण उत्तराखण्ड के नायक-नायिकाओं को वो स्थान नहीं मिल पाया; जिसके वे पात्र थे. इसमें इतिहासकारों की कंजूसी…

6 years ago

उत्तराखण्ड के सूर्य मंदिर

उत्तराखण्ड में भगवान सूर्य के मंदिरों की बात चलती है तो सबसे पहले अल्मोड़ा-रानीखेत मार्ग पर स्थित कटारमल के सूर्य…

6 years ago