इतिहास

1897 से होती है पिथौरागढ़ में रामलीला

पिथौरागढ़ में रामलीला सन 1897 से लगातार हो रही है. भीमताल के देवीदत्त मकड़िया को यहां रामलीला शुरू कराने का…

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ऐतिहासिक महत्व का है कुमाऊं का गणानाथ मंदिर

अल्मोड़ा नगर से 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गणानाथ मंदिर जाने के लिए अल्मोड़ा-सोमेश्वर मार्ग पर स्थिर रनमन नामक…

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शिमला से ज्यादा सुंदर है काली कुमाऊं – पीटर बैरन

तीन ओर क्रमशः काली, सरयू और पनार नदियों से घिरा और मध्य में लोहावती व लधिया नदियों को लिये हुए…

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यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक संपदा सूची में शामिल कुमाऊनी रामलीला का इतिहास

कुमाऊं अंचल में रामलीला के मंचन की परंपरा का इतिहास लगभग 160 वर्षों से भी अधिक पुराना है. यहाँ की…

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ब्रिटिश शासन काल की समयबद्धता याद दिलाते मुक्तेश्वर के गोंग टावर

नैनीताल जिले का छोटा सा कस्बा मुक्तेश्वर अंग्रेजों की देन है. लिंगार्ड नामक एक अंग्रेज ने इसकी खोज की और…

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उत्तराखंड में जनांदोलनों के इतिहास में महत्वपूर्ण है 6 अक्टूबर की तारीख़

उत्तराखंड का वन आन्दोलन जवान होने लगा था. सुन्दर लाल बहुगुणा की ओजस्वी वक्तृता व लेखन, चंडीप्रसाद भट्ट के अनथक…

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महान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस देहरादून में 65 रुपये की तनख्वाह पर नौकरी करते थे

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में रास बिहारी बोस सर्वाधिक समय तक सक्रिय रहने वाले क्रांतिकारी हैं. रास बिहारी बोस…

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क्या आवश्यक हैं रामलीला में अशोभनीय प्रसंग?

सीता स्वयंवर व धनुष यज्ञ प्रसंग में अनेक रामलीलाओं में फूहड़ता देखने को मिलती है. धनुष तोड़ने आये राजाओं की…

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मौलाराम : विश्वविख्यात गढ़वाली चित्रशैली के प्रमुख आचार्य

गढ़वाली चित्र शैली के प्रमुख आचार्य, कुशल राजनीतिज्ञ,  कवि,  इतिहासकार मौलाराम का उत्तराखण्ड के इतिहास में अद्वितीय,  अविश्वमरणीय योगदान है.…

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लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स में भी दर्ज है श्रीकृष्ण जोशी की ऐतिहासिक उपलब्धि

अल्मोड़ा के वैज्ञानिक श्रीकृष्ण जोशी की उपलब्धियों को विश्व के तमाम प्रकाशनों में जगह मिली थी. लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स…

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