पानी

कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी

इस पहाड़ से निकल उस पहाड़कभी गुमसुम सी कभी दहाड़यूं गिरते-उठते, चलते मिल समंदर से जाती हैहर नदी अपनी मंजिल…

3 months ago

अल्मोड़ा में पारंपरिक जल स्रोतों के मध्य नगर का एकमात्र कुआँ

जल अर्थात् मानव जीवन का आधार. मनुष्य अपनी सभी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जल पर निर्भर हैं इसके…

1 year ago

स्याहीदेवी शीतलाखेत के वन क्षेत्र में एएनआर से विकसित जंगल का माडल

पर्यावरण की बिगड़ती दशा, विशेष रूप से जल स्रोतों में पानी की निरंतर कम होती मात्रा तथा वायुमंडल में ग्रीन…

5 years ago

आइबिस्बिल पक्षी का रामनगर प्रवास

सर्दियाँ शुरू होते ही कॉर्बेट पार्क, रामनगर व इसके आसपास प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है. उच्च हिमालयी…

5 years ago

अक्टूबर जैसा अक्टूबर आया ही नहीं इस बार पहाड़ों में

पहाड़ों में पर्यटन का दूसरा बड़ा सीजन होता है अक्टूबर सीजन. एक ज़माने में इस दौरान आने वाले बंगालियों की…

5 years ago

क्या उत्तराखण्ड के लोग गौणा ताल के शिलालेख को पढ़ने के लिए तैयार हैं?

उत्तराखंड में हिमालय और उसकी नदियों के तांडव का आकार प्रकार अब हर मौसम में धीरे–धीरे दिखने लगा है. लेकिन…

5 years ago

स्प्रिंग्स मात्र जल का साधन नहीं उससे कहीं अधिक हैं

भूमि की अंदरूनी सतह में स्थित टेक्टोनिक प्लेट्स के हिलने तथा एक दूसरे से टकराने के कारण पहाड़ों और पथरीली…

5 years ago

वीएल स्याही लौह हल: हिमालयी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस पहल

मध्य हिमालय में पाए जाने वाले बांज के पेड़ जैव-विविधता और जल संरक्षण की दिशा में अहम योगदान देते हैं.…

5 years ago

सरयू नदी कुमाऊँ की गंगा है

सौंग से लगभग 40 किमी दूर नंदाकोट पर्वत पूर्वी हिस्से के दक्षिण की तरफ से प्रवाहित होती है. सरयू के…

5 years ago

आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना होगा

थार रेगिस्तान में तापमान पचास डिग्री तक पहुंचने, हर तीसरे साल अकाल, दुकाल, त्रिकाल पड़ने पर यहां के ग्रामीण जन…

5 years ago