कॉलम

हमारे यहां सड़क पर बाएं ही क्यों चलते हैं?

दिन में तारे कहाँ जाते हैं? रात को सूरज कहाँ जाता है? पुलिस खाकी वर्दी क्यों पहनती है? साबुन में…

6 years ago

गीतकार शैलेन्द्र को याद करने का दिन है आज

30 अगस्त 1923 को रावलपिंडी में जन्मे थे गीतकार शंकर शैलेन्द्र. उनका मूल गांव धुसपुर बिहार के आरा जिले में…

6 years ago

शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 4

अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद…

6 years ago

डीएसबी की एनसीसी कथा

सन 1962-64 के दौरान नैनीताल के डी एस बी कालेज में पढ़ते समय मैंने और मेरे दोस्त नवीन भट्ट ने…

6 years ago

शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 3

अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद…

6 years ago

जोगी और गौरा की कथा

दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में…

6 years ago

डी एस बी कॉलेज के वे दिन

देवेंद्र मेवाड़ी लोकप्रिय विज्ञान की दर्ज़नों किताबें लिख चुके देवेन मेवाड़ी देश के वरिष्ठतम विज्ञान लेखकों में गिने जाते हैं.…

6 years ago

अकेलेपन का दर्द बूढ़े होकर ही जानेंगे हम

सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं.…

6 years ago

नैनीताल को बर्बाद होना है, हो कर रहेगा

पिछले साल बरसातों में नैनीताल की मॉलरोड का ढहना एक प्रतीक्षित हादसा था. इसे ढहना ही था, ढह गयी. शायद…

6 years ago

स्क्रीन से परे वे सगी बहनें थीं

पुस्तक समीक्षा किताब: मीना कुमारी – अ क्लासिक बायोग्राफ़ी’लेखक: विनोद मेहताप्रकाशक: हार्पर कॉलिन्स 1972 में छपी विनोद मेहता की किताब…

6 years ago