कॉलम

तब हमारे धूरे के जंगल में भी खूब काफल पकते थे – पहाड़ से एक डायरी

कई वर्ष बाद आज गांव-घर आने का मौका मिला है. अब घर के नीचे खेतों तक मोटर रोड पहुंच चुकी…

6 years ago

यह है नैनीताल की लोअर माल रोड की हकीकत

नैनीताल की लोअर माल रोड के एक हिस्से के धंस जाने की खबर पुरानी पड़ती जा रही है. इस दुर्घटना…

6 years ago

आई ज़ंजीर की झनकार ख़ुदा ख़ैर करे

दुनिया में कामयाबी के लिए काबिलियत होना जितना जरुरी है उतना ही जरुरी किस्मत का होना भी है. कभी-कभी जिंदगी…

6 years ago

तर्क नहीं धारणा से पलता है हमारा समाज

घोषित तौर पर स्वच्छता और शौचालय वर्तमान सरकार का प्राथमिक एजेंडा है. इस पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता रहा…

6 years ago

हमारे यहां सड़क पर बाएं ही क्यों चलते हैं?

दिन में तारे कहाँ जाते हैं? रात को सूरज कहाँ जाता है? पुलिस खाकी वर्दी क्यों पहनती है? साबुन में…

6 years ago

गीतकार शैलेन्द्र को याद करने का दिन है आज

30 अगस्त 1923 को रावलपिंडी में जन्मे थे गीतकार शंकर शैलेन्द्र. उनका मूल गांव धुसपुर बिहार के आरा जिले में…

6 years ago

शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 4

अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद…

6 years ago

डीएसबी की एनसीसी कथा

सन 1962-64 के दौरान नैनीताल के डी एस बी कालेज में पढ़ते समय मैंने और मेरे दोस्त नवीन भट्ट ने…

6 years ago

शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 3

अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद…

6 years ago

जोगी और गौरा की कथा

दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में…

6 years ago