कॉलम

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 29

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago

पार्वती-महादेव और निठल्ले इंसानों की कथा

दादी तू ये बता कि शिवजी भगबान ओ दूर बरफ़ वाले पहाड़ में क्यों रहते हैं.उनके पास हमारे जैसा घर…

6 years ago

घोर कलजुग इसी को कहते हैं

उन दिनों समाज में नैतिकता का जोरदार आग्रह रहता था. हर किसी पर घनघोर नैतिकता छाई रहती थी. लड़के, अपने…

6 years ago

इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : ग्यारहवीं क़िस्त

मानकीकरण से हिंदी की टांग मत तोड़ो भाषा, मानकीकरण और व्याकरण का रिश्ता बहुत पुराना है हालाँकि बाहर से देखने…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 28

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago

तुंगनाथ चन्द्रशिला और देवरियाताल : एक फोटो निबंध

सुबह करीब 6 बजे मैंने तुंगनाथ के लिये पैदल चलना शुरू किया. चोपता का छोटे पर महंगे बाजार को पार…

6 years ago

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 7

गुडी गुडी डेज़ अमित श्रीवास्तव झुटपुटे के खेल पूस का महीना था.शाम का समय.पप्पन उदास बैठे थे. इसके प्रदर्शन के…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 27

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago

अल्मोड़ा के हिमालय प्रेम में पड़ा एक वीर हिमालयी योद्धा!

गजे घले ने वैसे तो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों के नाकों चने चबवा के उस समय का सर्वोच्च…

6 years ago

कहो देबी, कथा कहो – 12

लेखकों की संगत भूखी पीढ़ी आंदोलन 1965 के आसपास शांत हुआ तो दिल्ली में अकविता के स्वर मुखर हो उठे.…

6 years ago