कॉलम

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 54

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago

प्रमोद कौंसवाल की कविता

वो अपनी ही कविता के एक लुटेपिटे हैरान से थकान से चूर खून और गर्द से भरे चेहरे वाले आदमी…

6 years ago

रात गहराने पर वह बास्केटबॉल लेकर सो जाता था

कुछ खिलाड़ी सचमुच अद्वितीय होते हैं, वे अपनी व्यक्तिगत शैली का इतना प्रभाव छोड़ते हैं कि खेल उनके आने के…

6 years ago

एक कहानी ये भी – मीनाकुमारी और धर्मेन्द्र

बहुत से लोग आज इस बात को यक़ीन से कहते हैं कि धर्मेन्द्र ने अपना करियर बनाने के लिए मीनाकुमारी…

6 years ago

आदिम संस्कृति और समाज के लिए संघर्ष करता जौनसार बावर का त्यौहार – बूढ़ी दिवाली

पूरे देश मे दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है लेकिन उत्तराख़ण्ड के जिला देहरादून के जनजातीय…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 53

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago

मेट्रीमोनियल वाली झूठी लड़की

ये कई साल पहले की बात है. दो लड़कियां थीं. एक ब्‍वॉयफ्रेंड वाली, एक मेट्रीमोनियल वाली. ब्‍वॉयफ्रेंड वाली लड़की 24…

6 years ago

पढ़ाई से महत्वपूर्ण होती सूचना

एक समय था, जब पढ़ती हुई क्लास तथा पढ़ाते हुए शिक्षक को बड़े सम्मान से देखा जाता था. कोई व्यक्ति…

6 years ago

रड़गाड़ी रागस – जोहार की लोककथा

महीना नवम्बर का था. जोहार घाटी के सभी लोग वापस अपने शीतकालीन घर यानी मुनस्यारी आ चुके थे. व्यापार के…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 52

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago