होली के आखिरी दिन पुरुषों के भोजन एवं पेय की एक मौखिक पुस्तक कई वर्षों से चली आ रही है.…
हैं बिखरे रंग माज़ी के -अमित श्रीवास्तव उस तरफ विपुल की आवाज़ थी. इस तरफ फोन के जाने कौन था.…
एक हाथ से बाएँ कंधे पर टिकाई हुई बांस की पतली डंडी पर झूलता लाल झंडा, दूसरे हाथ में घुंघरू…
रविवार 17 मार्च 2019 की दोपहर 1 बजे नयना देवी मंदिर के पटांगण में नैनीताल की सबसे पुरानी नाट्य संस्था…
उत्तराखण्ड में चैत (चैत्र) का महीना लग गया है. कुमाऊं में चैत के महीने में विवाहित बहनों व बेटियों को…
पहाड़ और मेरा जीवन – 25 ठूलीगाड़ में मैं चौथी कक्षा में आया था और सातवीं करने के बाद एक…
1977 में मैं करीब दस साल का था. दो साल पहले जब इमरजेंसी लगी थी, हम लोग अल्मोड़ा में रहते…
गोविन्द राम काला का परिचय यूं दिया जा सकता है कि वे उत्तराखंड के उन चुने हुए लोगों में से…
मानसरोवर के निचले भागों में सरिता रूप लेने के क्रम में बांसबगड़, बिरथी, मुनस्यारी, नाचनी, हुबुली, बाघी क्विटी, झिनियां व…
हिंदी सिनेमा में सही मायने में अगर क्लासिक फिल्मों की बात की जाय, तो चलती का नाम गाड़ी (Chalti Ka…