कॉलम

वनवासियों की व्यथा : बेदखली

लेख का पिछ्ला हिस्सा यहां देखें : वनवासियों की व्यथा अनुसूचित जनजातियां व घुमंतु वनवासी प्रकृति के साथ अनुकूल-समायोजन कर…

6 years ago

कवि कहना शर्म के चलते अब छोड़ दिया है

कुछ ख़बरें इतने चुपचाप से आकर निकल जाती हैं कि समकालीन हिंदी साहित्य समाज उसका नोटिस ही नहीं ले पाता.…

6 years ago

उत्तराखण्ड का बीमार स्वास्थ्य तंत्र

अस्पताल दूर हैं भगवान पास उच्च हिमालयी क्षेत्रों के पैदल रास्तों से लौटते हुए सैलानियों से दवा मांगते ग्रामीणों का…

6 years ago

वनवासियों की व्यथा

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सोलह राज्यों के 11.8 लाख वनवासियों की दावेदारी को ख़ारिज कर दिया था. देश…

6 years ago

तब इंदिरा गांधी से महिलाएँ बहुत प्रभावित थी

तब हम हल्द्वानी के गौरापड़ाव के हरिपुर तुलाराम गांव में ही रहते थे. मुझे हल्की सी याद अभी भी है…

6 years ago

सुंदर स्त्री जब शेर सुनाती है तो शेर आयत बन जाते हैं

'सौंदर्य की कविता' और 'कविता का सौंदर्य,' दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. परन्तु इन दोनों से भी अधिक महत्वपूर्ण है- सौंदर्य…

6 years ago

गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग

गैरीगुरु उर्फ गिरिजा का नाम एडम स्मिथ, रिकार्डों, जेएसमिल के बाद सीधे गुन्नार मिरडल तक जाता है. गिरिजा से उन्हें…

6 years ago

पिछले दरवाजे से भीतर घुसना ही हमारी संस्कृति का प्रतीक है

पिछला दरवाजा बड़ा चमत्कारी होता है. आगे के दरवाजे पर बैठा हुआ संतरी जिसे भीतर घुसने से रोक लेता है…

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उत्तराखण्ड की वादियों में घुलता नशा

नशा एक सामाजिक समस्या उत्तराखण्ड राज्य की प्रमुख सामाजिक समस्याओं की बात की जाये तो उनमें नशा प्रमुख समस्या के…

6 years ago

मोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दैहिक कहानी का अंत

फरहत का परिवार हमारे पड़ोस में रहता था. चूल्हे-चौके की तमाम गोपनीयता के बावजूद दोनों परिवार लगभग एक ही छत…

6 years ago