कॉलम

एक रामलीला ऐसी भी – गीता गैरोला की कहानी स्मिता कर्नाटक की आवाज में

हमारी नियमित लेखिका गीता गैरोला ने आपको अनेक मनभावन कहानियां सुनाई हैं. हाल ही में हमने उनकी मशहूर किताब ‘मल्यो…

5 years ago

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन @ ओल्ड इज गोल्ड.

दूरदर्शन के जमाने के दर्शक पुराना जिक्र छिड़ते ही, यकायक अतीत-मोह से घिर आते हैं. एकदम भावुक से हो उठते…

5 years ago

उत्तराखण्ड की सामाजिक कुरीति है छूत

फर्ज कीजिये आप परेशानी में हैं, दर्द से कराह रहे हैं और रक्त का स्राव हो रहा है. ऐसे हालात…

5 years ago

पौड़ी के स्कूलों में गढ़वाली सरस्वती वंदना की शुरुआत

उत्तराखण्ड के पारंपरिक वाद्ययंत्रों, ढोल-दमाऊ, डौंर-थाली, मसकबीन, की धुन पर लोकभाषा में स्कूली वंदना की कल्पना गढ़वाल में साकार हो…

5 years ago

पूर्व की ओर झुका है पिथौरागढ़ के मड़ गांव में सूर्य का मंदिर

पिथौरागढ़ की डीडीहाट तहसील में एक गांव है मड़. डीडीहाट से 15 किमी की दूरी पर चौबाटी क़स्बा है यहां…

5 years ago

जाता हुआ साल और लोकतंत्र के व्याकरण का गणित

साल के आख़िरी दिनों में जब हमारी पीढ़ी के पढ़े-लिखे-एम एन सी जैसी अबूझ नागरिकता वाली कम्पनियों में लगे, ज़्यादातर…

5 years ago

अपने गांव फिर आना प्यारी दीदी, प्यारी बेटी: गंगोत्री गर्ब्याल की याद

गंगोत्री गर्ब्याल की आत्मकथा ‘यादें’ की भूमिका में-डा. आर.एस.टोलिया के लिखा है - ‘‘प्रसिद्ध इतिहासविद् डा. शिव प्रसाद डबराल ने…

5 years ago

पहाड़ के अनूठे चरित्रों के प्रतिनिधि हैं श्रीकोट के गुयां मामा

मानवीय बसावत में जीवन के कई रंग दिखाई देते हैं. ये बात अलग है कि कुछ रंगों को हम अपनी…

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कितना कठिन है सुदूर घाटी के कुमाऊनी गाँवों में इन दिनों जीवन – तरदा की आपबीती

बीते दिन पिंडर घाटी के अंतिम गांव खाती के तारा सिंह उर्फ तरदा से मुलाकात हुई. वे अपनी बिटिया को…

5 years ago

उत्तराखंड के छोटे से गांव से दुनिया के सबसे बड़े साहित्यिक मंचों तक प्रो. गंगाप्रसाद विमल का सफ़र

दो साल पहले अपनी पत्नी मंजुला के हिंदी में शोध साक्षात्कार में प्रोफ़ेसर गंगाप्रसाद विमल के आने की खबर डी…

5 years ago