कॉलम

नखलिस्तान – गीता गैरोला की कहानी स्मिता कर्नाटक की आवाज में

हमारी नियमित लेखिका गीता गैरोला ने आपको अनेक मनभावन कहानियां सुनाई हैं. हाल ही में हमने उनकी मशहूर किताब ‘मल्यो…

5 years ago

जब हल्द्वानी में लोग घरों के किवाड़ भी खुले रखते थे

सन् 1970 से पहले यहाँ बहुत से घरों में बिजली भी नहीं थी. 1956 में नैनीताल रोड पर डीजल पावर…

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धारचूला के रं लोगों से सीखना चाहिए अपनी भाषा बोली का सम्मान करना

कोई भी संस्कृति अपनी भाषा बोली को संरक्षित किये बगैर लम्बे समय तक जीवित नहीं रह सकती. यह बात छोटी…

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बार बार तारीख को बदला है छात्रों ने

फरवरी का पहला दिन था. साल उन्नीस सौ साठ. सत्रह से उन्नीस बरस के चार लड़के अमरीका के उत्तरी कैरोलिना…

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पुण्य तिथि विशेष: चन्द्र सिंह राही की आवाज में पहाड़ तैरते हैं

जरा ठन्डू चलदी, जरा मठ्ठु चलदी, मेरी चदरी छुट्टी ग्ये पिछनै उत्तराखण्ड के लोगों के लिए चन्द्र सिंह राही का…

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चूड़धार: जहां भगवान शिव ने किया था तांडव नृत्य

चूड़धार में भोलेनाथ अपने परिवार संग रहते हैं. हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर स्थित चूड़धार घाटी के बारे में वैसे…

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कितना सही है तराई की उपजाऊ भूमि पर बड़े उद्योगों का लगना

गोविन्द बल्लभ पंत कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को स्थापित किए जाने के पीछे क्षेत्र में जिस व्यवहारिक व मूलभूत क्रांति का…

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पहाड़ी दाल और उसके दगड़िया

उत्तराखंड में होने वाली दालों में खरीफ में भट्ट, मास या उड़द, राजमा या फ्रासबीन,गहत, गरूँस, रेंस, मटर व बाकुला मुख्य हैं.…

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तराई भाबर में जमीनों की लूट का इतिहास

तराई भाबर में भूमि व्यवस्था भी एक विवादास्पद विषय बनी रही है. यहाँ की जमीनों की लूट का अपना एक…

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झुरमुरि, लगड़, लेसु रोटी और न जाने क्या-क्या बनता है पहाड़ों में आटे से

रोटी में पधान रहा गेहूं और मडुए को गरीब का पेट भर सकने की हैसियत मिली. रोज मड़ुआ खा बिछेंन…

5 years ago