कॉलम

अंग्रेजों के ज़माने में पटवारी अपनी पट्टी का राजा होता था

पहाड़ में अब भी बड़े बुजुर्ग कहते हैं सबका बैर झेला जा सकता है पटवारी का बैर नहीं. अब भले…

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उत्तराखण्ड के निशानेबाज जसपाल राणा को इस साल प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य अवॉर्ड से नवाजा जाएगा

जूनियर भारतीय पिस्टल टीम के मुख्य कोच उत्तराखण्ड के जसपाल राणा को इस साल प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य अवॉर्ड से नवाजा जाएगा.…

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पहाड़ की यादों को कैद करने वाला पिताजी का कैमरा

जिस आदमी ने ताज़िंदगी कलाई पर घड़ी न पहनी हो, अपने खरीदे रेडियो-टीवी में खबर न सुनी हो उस आदमी…

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नैनीताल क्षेत्र में सिटोलों के पैर क्यों गलने लगे

एक तरफ कोरोना जैसी महामारी का दौर तो दूसरी ओर घरेलू मैना या सिटोला पक्षी में वर्ष 2015 में तस्दीक…

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उत्तराखंड की सामाजिक व व्यवसायिक पृष्ठभूमि में भेकुए के पेड़ का महत्व

उत्तराखंड की देवभूमि कई प्रकार की वनस्पतियों व प्राकृतिक संपदाओं से भरी हुई है. जिन संपदाओं में एक विशिष्ट संपदा…

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आपदा के बीच घ्यूं त्यार के दिन ढुस्का गाते धापा गांव के परिवार

मैंने मुनस्यारी से 15 किमी दूर धापा गांव में सन् 1991 में जन्म लिया. तब गांव में न बिजली थी,…

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खुश होना या दुखी होना हमारा चुनाव है

हमें खुश होना है या दुखी होना है, यह चुनाव हमेशा हमारे हाथ में रहता है. सामान्यत: हमें लगता है…

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भूलती सरकारें : बागेश्वर से 98 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम सिंह चौहान की बात

आजादी के बाद से ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान और शौर्य के नाम पर सरकारें हर साल 15 अगस्त…

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कल है पहाड़ियों का लोकपर्व घ्यूं त्यार

कुमाऊं में भादों मास की संक्रांति घ्यूँ त्यार मनाया जाता है. इसे 'ओलकिया' या 'ओलगी' संक्रान्त भी कहते हैं. इस…

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आजादी के बाद पहाड़ों में खलनायक ही क्यों जन्म ले रहे हैं

हमारी धरती में नायकों की कभी कमी नहीं रही. चाहे जितने गिना लीजिए. आजादी से पहले भी, और बाद में…

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