कला साहित्य

उत्तराखण्डी लोकसंस्कृति की अलख बनते और नयी उम्मीद जगाते युवा

आज जहाँ पलायन उत्तराखण्ड की प्रमुख समस्या बना हुआ है वहीँ कुछ युवा ऐसे भी हैं जिनमें महानगरों के सुविधाजनक…

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एक थे गुलशन नंदा

एक थे गुलशन नंदा. हिन्दी में पल्प फिक्शन उर्फ लुगदी साहित्य के सबसे ज़्यादा बिकने वाले लेखक. अपने दौर, 60…

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इस शहर के लोग उनको रोज़ जूतों से कुचल कर चले जाते है

शिखर गोयल की कविताएं शिखर गोयल का जन्म 1993 में दिल्ली में हुआ. इनकी नज्में कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं…

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जन्माष्टमी पर विशेष: नज़ीर अकबराबादी की नज़्म “यारो सुनो ये ब्रज के लुटैया का बालपन”

आज से कोई तीन सौ बरस पहले आगरे में एक बड़े शायर हुए नज़ीर अकबराबादी. नज़ीर अकबराबादी साहब (१७४०-१८३०) उर्दू…

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भूख सोचता रहा, भूख खाता रहा, दिल्ली आके रुका

पड़ताल - इब्बार रब्बी सर्वहारा को ढूँढ़ने गया मैं लक्ष्मीनगर और शकरपुर नहीं मिला तो भीलों को ढूँढ़ा किया कोटड़ा…

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ये एक बहुत-बहुत स्‍याह और एक बहुत-बहुत उजली कहानी है

[आज माइकेल जैक्सन का जन्मदिन है. दुनिया में उनके चाहनेवालों की संख्या करोड़ों में है. उन्हीं को याद करते हुए…

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जोगी और गौरा की कथा

दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में…

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‘अश्लील’ अफ़साने लिखने वाली अम्मा की सालगिरह है आज

पिछले बरस आज के दिन गूगल पर सफ़ेद साड़ी में लिपटी एक महिला का डूडल लगाया गया था.  गूगल पिछले…

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मुझको पहाड़ ही प्यारे हैं – जयन्ती पर चंद्रकुंवर बर्त्वाल की स्मृति

आज चंद्रकुंवर बर्त्वाल का जन्मदिन है. कुल 28 साल की आयु में क्षयरोग से दिवंगत हो गए चंद्रकुंवर अपने समय…

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सरकार का काम लघुशंका गृह बनवाना नहीं, लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना है

लघुशंका गृह और क्रान्ति - हरिशंकर परसाई मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘यह छात्रों की अनुशासनहीनता है.…

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