कला साहित्य

सदियों से कुछ कहना चाहती है लछिमा – बटरोही की कहानी

वो शिखर पर जो गाँव है, वही काफलीधार है. किसने रखा होगा यह नाम? सोचती है लछिमा - कैसा है…

5 years ago

जीवनानन्द दास की बनलता सेन

अनेक आलोचकों का ठोस यकीन है कि जीवनानन्द दास (Jibanananda Das) बांग्ला कविता के शीर्षस्थ कवि हैं - किसी भी…

5 years ago

सुमित्रानंदन पन्त की भारत माता

20 मई 1900 को उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक स्थान में जन्मे सुमित्रानंदन पन्त (Sumitra Nandan Pant) हिन्दी…

5 years ago

अंग्रेजों के ज़माने का पटवारी हुआ गुमानसिंह

जीवन भर हल्द्वानी (Haldwani) में रहे स्व. आनन्द बल्लभ उप्रेती (Anand Ballabh Upreti) राज्य के वरिष्ठतम पत्रकार-लेखकों में थे. हल्द्वानी…

5 years ago

आज के दिन जन्मा था वह विद्रोही कवि

जिन भारतीय कवियों ने बड़े पैमाने पर बीसवीं शताब्दी के परिदृश्य को प्रभावित किया, नामदेव लक्ष्मण ढसाल उनमें प्रमुख हैं.…

5 years ago

कुछ काम हम करते हैं कुछ करते हैं पहाड़

पहली जुलाई 1944 को उत्तराखंड के टिहरी जिले के धंगण गाँव में जन्मे लीलाधर जगूड़ी वर्तमान समकालीन में हिन्दी के…

5 years ago

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कहानी उन्हीं की जुबानी

बीसवीं सदी में उर्दू के सबसे बड़े शायरों में थे फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़' (Faiz Ahmad Faiz). पूरी ज़िंदगी जनधर्मिता और…

5 years ago

एक बँगला का अंदर सिरफ दो जना – मटियानी जी की मार्मिक कहानी

अल्मोड़ा के समीप एकांत सिन्तोला में रहने वाले एक वृद्ध एंग्लो-इन्डियन जोड़े को परिवेश बनाकर लिखी गयी शैलेश मटियानी (Shailesh…

5 years ago

वीरेन डंगवाल का स्मारक बनेगा बरेली में

साहित्य अकादेमी सम्मान से पुरुस्कृत विख्यात हिन्दी कवि वीरेन डंगवाल (Viren Dangwal) की स्मृति में शीघ्र ही बरेली में एक…

5 years ago

पहाड़ के एक युग की दास्तान है शैलेश मटियानी की यह कहानी

हिन्दी के मूर्धन्य कथाकार-उपन्यासकार शैलेश मटियानी (Shailesh Matiyani) अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना में 14 अक्टूबर 1931 को जन्मे थे. सतत…

5 years ago