कला साहित्य

तुम होगे साधारण ये तो पैदाइशी प्रधान हैं

इन्हें प्रणाम करो ये बड़े महान हैंदंत-कथाओं के उद्गम का पानी रखते हैंपूंजीवादी तन में मन भूदानी रखते हैंइनके जितने…

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और जीत गई झंगोरे की खीर

राजधानी से तीन गाड़ियों में अफसरों की एक टीम पहाड़ की तरफ चली, यह तय करने कि सरकार द्वारा बजट…

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कब तक बैठी रहोगी इस तरह अनमनी, चलो घूम आएँ

चलो घूम आएँ - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना उठो, कब तक बैठी रहोगीइस तरह अनमनीचलो घूम आएँ.तुम अपनी बरसाती डाल लोमैं…

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बौनों से भरे साहित्य-संसार दुनिया में विष्णु खरे एक गुलीवर थे : पुण्यतिथि विशेष

19 सितम्बर 2018 के दिन अशोक पांडे की फेसबुक वाल से : अलविदा विष्णु खरे – 1 जबरदस्त कवि, बड़े…

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जब डाकुओं ने काका हाथरसी को कविता सुनाने के सौ रुपये दिये : जन्मदिवस विशेष

यह गजब का संयोग रहा कि 18 सितम्बर को जन्मे काका हाथरसी की मृत्यु भी 18 सितम्बर को ही हुई.…

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आज दुनिया भर में मनाया जाता है रोआल्ड डाल दिवस

बीसवीं सदी में सबसे ज़्यादा पढ़े गए लेखकों में शुमार रोआल्ड डाल ने उपन्यास लिखे, बच्चों के लिए किताबें लिखीं…

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पितृपक्ष: वीरेन डंगवाल की कविता

 पितृपक्ष -वीरेन डंगवालमैं आके नहीं बैठूंगा कौवा बनकर तुम्हारे छज्जे परपूड़ी और मीठे कद्दू की सब्ज़ी के लालच मेंटेरूँगा नहीं…

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ग्यारह सितंबर का एक फोटोग्राफ़

ग्यारह सितम्बर का एक फ़ोटोग्राफ़वे कूद रहे थे जलती मंजिलों सेएकदोकुछेक और- कुछ ऊपर थे, कुछ नीचेएक फोटोग्राफ़र ने उन्हें…

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गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की कविता: जहाँ न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा

जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमाराजहाँ न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा जहाँ न अक्षर…

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क्योंकि ऐसा बस नफ़रत ही कर सकती है

नफ़रत -विस्वावा शिम्बोर्स्का देखो कितनी सक्षम है यह अब भीबनाए हुए अपने आप को चाक-चौबन्द -हमारी शताब्दी की नफ़रत. किस…

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