कला साहित्य

‘पूस की रात’ दर्द और दोस्ती की कहानी

हल्कू ने आकर स्त्री से कहा- सहना आया है, लाओ, जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला…

2 years ago

कृश्न चंदर की कहानी : जामुन का पेड़

रात को बड़े ज़ोर का झक्कड़ (आंधी) चला. सेक्रेटेरियट के लाॅन में जामुन का एक दरख़्त गिर पड़ा. सुबह जब…

2 years ago

कहानी : निपल्ट है जो

सारा सामान राधे ने सार कर सड़क पर पंत की दुकान तक पहुंचा दिया था. शंभुवा बैग लेकर खड़ा था…

2 years ago

जीवन का एक जरूरी पाठ पढ़ाती है भीष्म साहनी की कहानी ‘चीफ की दावत’

आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ की दावत थी. शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फुर्सत न थी.…

2 years ago

सामाजिक व्यवस्था पर तमाचा है प्रेमचन्द की यह कहानी

झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के और अन्दर बेटे कि जवान बीवी बुधिया…

2 years ago

‘ज़िंदगी और जोंक’ अमरकांत की कालजयी कहानी

मुहल्‍ले में जिस दिन उसका आगमन हुआ, सबेरे तरकारी लाने के लिए बाजार जाते समय मैंने उसको देखा था. शिवनाथ…

2 years ago

जंग बहादुर: एक मेहनतकश पहाड़ी डोटियाल की कहानी

बादामी रंग के पुराने कागज के टुकड़े पर लिखी हुई रसीद उंगलियों में थामे हुए, जब मैं कुलियों के चित्रगुप्त…

2 years ago

बदलते ज़माने में पहाड़ की महिलाओं के हालात कितने बदले

अक्सर बचपन में दादा दादी के कहानियाँ-किस्सों में सुना करते थे उनके ज़माने की कई सारी बातें. इन किस्से-कहानियों को…

2 years ago

उत्तराखण्ड की ग्रामीण महिलाओं में सामूहिक मेलजोल और उत्सवधर्मिता

सामान्यतः पहाड़ के गांव की महिलाओं के दैनिक जीवन का स्वरूप अत्यधिक व्यस्त और संघर्षमय  रहता है.  छह ऋतुओं, 12 महीने उनके…

2 years ago

माँ का जादुई बक्सा

हलवाई पांचवीं बार अपना हिसाब करने आया था. (Mother's Magic Box) —'तुम्हारा कितना हुआ भाई' पापा पांचवीं बार उससे पूछ…

2 years ago