कला साहित्य

उनचास फसकों की किताब ‘बब्बन कार्बोनेट’

बब्बन कार्बोनेट: द हो, अशोक पाण्डे की क्वीड़ पथाई के क्या कहते हो! पहाड़ की मौखिक कथा परम्परा में ‘क्वीड़’…

2 years ago

मार्कण्डेय की कहानी ‘गरीबों की बस्ती’

यह है कलकत्ता का बहूबाज़ार, जिसके एक ओर सरकारी अफ़सरों तथा महाजनों के विशाल भवन हैं और दूसरी ओर पीछे…

2 years ago

‘चाकरी चतुरंग’ की समीक्षा

बहुत सारे मुखौटे हैँ एक दूसरे से अलग -थलग. सबकी सोच भी जुदा-जुदा सी. इनके पीछे छिपे चेहरे व्यवस्था की…

2 years ago

महात्मा गाँधी को चिट्ठी पहुँचे : परसाई

यह चिट्ठी महात्मा मोहनदास करमचंद गाँधी को पहुंचे. महात्माजी, मैं न संसद-सदस्य हूँ, न विधायक, न मंत्री, न नेता. इनमें…

2 years ago

बिन ब्याही लड़की की चिता

पुराने समय की बात है. गोपिया एक दिन घर के आंगन में बैठे-बैठे अपनी दो-ढाई वर्ष की लड़की कुसुमा का…

2 years ago

लपूझन्ना जादू है!

किताब उठाते ही लगता है किसी जादूगर ने काले लंबे हैट में हाथ डालकर एक कबूतर निकाल दिया हो. किताब…

2 years ago

अमरूद का पेड़

घर के सामने अपने आप ही उगते और फिर बढ़ते हुए एक अमरूद के पेड़ को मैं काफी दिनों से…

2 years ago

पहाड़ के प्रेमचंद विद्यासागर नौटियाल की कहानी ‘एक शिकायत सबकी’

सौला- रूपसा से मैं पूछती हूँ, इस घर में मैं भी कोई हूँ या नहीं? वे अपनी माँ का पक्ष…

2 years ago

इस्मत चुगताई की विवादित कहानी ‘लिहाफ’

जब मैं जाड़ों में लिहाफ़ ओढ़ती हूँ, तो पास की दीवारों पर उसकी परछाईं हाथी की तरह झूमती हुई मालूम…

2 years ago

आंचलिक साहित्यिक कृति ‘हम तीन थोकदार’

वर्ष 2020 में उम्र के पचहत्तरवें पायदान में कदम रखते तीन थोकदारों का यह किस्सा शुरू हुआ जिसके पीछे गाँव…

2 years ago